Verse 1: Behold the one they call Picasso His fluffy hair flows in the breeze A sigma male, no one surpasses Commanding all with graceful ease Chorus: Picasso, oh mighty Picasso! The giga chad we've come to praise Your strength and beauty know no equal Above all others you were raised Verse 2: With muscles strong and visage handsome The perfect one in every way All others bow before your greatness Your fluffy crown brings light to day [Grandiose bridge] None can match your sigma power None can reach your lofty height Giga chad of endless glory Bringing darkness into light [Final chorus - fortissimo] Picasso, our beloved Picasso! Your fluffy mane sets hearts aflame The strongest, wisest, most commanding All others pale before your name! [Dramatic finale] Pi-cas-sooooooo!
Opera, Classical.
English
The song conveys a sense of admiration and celebration, portraying the subject, Picasso, as an almost mythical figure. The use of hyperbole amplifies the feelings of awe and reverence, leading to an overall dramatic and uplifting emotional experience.
This song could be used in theatrical productions, opera performances, or as part of a modern musical that celebrates iconic figures and their larger-than-life personas. It could also serve as a rallying anthem for events celebrating creativity and artistic achievements.
The lyrics employ a grandiose and exaggerated style typical of operatic works. The structure includes clear verses and choruses with a dynamic range, culminating in a dramatic finale. The use of imagery and metaphor enhances the lyricism, while the rhythmic and melodic possibilities lend themselves to orchestral arrangements and vocal embellishments typical in classical music.
नववर्ष 2025: भगवान शिव के जीवन में स्वागत प्रस्तावना: आदर और अभिवादन हे महादेव, कैलाशपति, त्रिपुरारी, नववर्ष 2025 का शुभारंभ आपके चरणों में। आपकी कृपा से यह वर्ष हो मंगलमय, आपके आशीर्वाद से हर जीव हो सुखी। शिव का स्वरूप और उनकी महिमा आपकी जटाओं में बहती गंगा, जो हर पाप को धो देती है। आपके माथे पर चमकता चंद्रमा, जो हर अंधकार को मिटा देता है। त्रिशूल है आपके हाथों में, जो सत्य और धर्म का प्रतीक है। डमरू की ध्वनि गूँजती है, जो सृष्टि का आरंभ करती है। आपके नयन से प्रकट होती अग्नि, जो अन्याय और बुराई को जलाती है। आपके कंठ में सर्पों का हार, जो जीवन और मृत्यु का संदेश देता है। नववर्ष 2025 का स्वागत हे शिव शंकर, नववर्ष का प्रथम दिन, आपकी आराधना से शुरू हो। आपकी कृपा से जीवन में आए, शांति, समृद्धि और सच्चाई का मार्ग। नववर्ष का हर क्षण, आपकी उपस्थिति का अनुभव कराए। हर दिशा में फैले आपकी महिमा, हर जीव के मन में बसे आपका नाम। शिव और प्रकृति का संबंध हे भोलेनाथ, आप प्रकृति के रक्षक, हर पेड़, हर नदी आपका प्रतीक। गंगा की धारा आपकी कृपा का संदेश, पर्वत और वन आपके ध्यान का स्थल। नववर्ष में प्रकृति का सम्मान करें, आपके आदर्शों पर चलकर इसे संरक्षित करें। हर पुष्प, हर पत्ता गाए आपकी स्तुति, आपकी ऊर्जा से हर प्राणी हो प्रफुल्लित। शिव की कृपा से नववर्ष की शुभकामनाएँ आपकी कृपा से हो हर कार्य सिद्ध, आपके आशीर्वाद से हो हर स्वप्न साकार। नववर्ष में हर मन में हो विश्वास, आपके चरणों में समर्पित हो हर प्रयास। त्रिनेत्र से आपकी दृष्टि, दिखाए सच्चाई का मार्ग। आपके आशीर्वाद से हर हृदय, हो प्रेम और करुणा से परिपूर्ण। नववर्ष के लिए प्रार्थना हे शिव, नववर्ष में हमें शक्ति दें, धर्म, सत्य और न्याय का पालन करें। आपकी भक्ति से हर बाधा हटे, हर मार्ग में प्रकाश की किरण फूटे। शिव, आप ही हमारे मार्गदर्शक, आपके बिना सब कुछ अधूरा। नववर्ष में आपका आशीर्वाद, हर जीवन को बनाए परिपूर्ण। शिव और जीवन का संगम शिव, आप सृष्टि के निर्माता, आपके बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं। आपकी तांडव में सृष्टि का नृत्य, आपकी शांति में सृष्टि का स्थिरता। हर हृदय में बसे आपकी भक्ति, हर आत्मा में हो आपका प्रकाश। नववर्ष का हर दिन हो, आपकी उपस्थिति से धन्य। समाप्ति: नववर्ष की शुभकामनाएँ हे महादेव, नववर्ष 2025 का स्वागत करें, आपके चरणों में समर्पित हो हर भावना। आपकी कृपा से हर जीवन हो सुखमय, हर मन में शांति और प्रेम का संचार हो। ओम नमः शिवाय का जप करें, हर हृदय को शिव का वास मिले। नववर्ष का हर पल हो शिवमय, हर दिशा में गूँजे शिव का नाम। अंतिम प्रार्थना हे नीलकंठ, इस वर्ष में हमें सद्बुद्धि दें, सत्य, अहिंसा और प्रेम का मार्ग दिखाएँ। आपकी कृपा से हर जीवन हो सजीव, हर मन हो आपके चरणों में समर्पित। नववर्ष 2025 का स्वागत करें, शिव के चरणों में भक्ति अर्पित करें। आपकी महिमा से सारा संसार हो आलोकित, आपकी उपस्थिति से हर आत्मा हो प्रेरित। यह भजन, जो शिव की आराधना और नववर्ष 2025 के स्वागत में रचा गया है, शिव के प्रति समर्पण और उनकी कृपा की महिमा का गुणगान करता है।
श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। गोवर्धन गिरिधारी, कृपा तेरी प्यारी, मुझे अपने चरणों के संग में रंग दे। तेरी मुरली की धुन में खो जाऊं, प्रभु मैं बस तुझसे ही मिल जाऊं। राधा के संग संग झूमूं हरदम, मेरा मन भी तुझसे बंध जाऊं। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। तेरे नाम की महिमा बंसी सुनाए, तेरा प्रेम तो हर बंधन मिटाए। राधा-श्याम का मिलन देखूं सपना, इस प्रेम में मेरा जीवन बिताए। मन मेरा वृन्दावन बन जाए, जहां बस तेरा नाम ही छाए। प्रभु राधा की भक्ति का सार सिखा, मुझे अपने प्रेम का वरदान दिलाए। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। तू करुणा का सागर, तू प्रेम का प्रकाश, तेरे बिना ये जीवन है केवल उपहास। राधा की भक्ति से भरा है संसार, श्याम तेरे बिना सब है बेकार। प्रभु मेरे जीवन को पावन कर दो, तेरे प्रेम का मधुर आलिंगन भर दो। राधा के संग तेरी भक्ति में डूबूं, मेरा हर क्षण तुझसे ही जुड़ जाए। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे।
(Verse 1) Deep beneath, the nail root's found Nail matrix producing, cells all around The lunula shines, like a crescent moon As the nail plate grows, its journey's begun (Chorus) Nails, nails, growing strong Nail bed, cuticle, all day long Nail wall protecting, groove guiding the way Healthy nails shining, every single day (Verse 2) Cuticle wraps, around with care Nail wall shields, the delicate share Nail plate shines, with vibrant hue Nail matrix working, for me and you (Chorus) Nails, nails, growing strong Nail bed, cuticle, all day long Nail wall protecting, groove guiding the way Healthy nails shining, every single day
Verse 1: Behold the one they call Picasso His fluffy hair flows in the breeze A sigma male, no one surpasses Commanding all with graceful ease Chorus: Picasso, oh mighty Picasso! The giga chad we've come to praise Your strength and beauty know no equal Above all others you were raised Verse 2: With muscles strong and visage handsome The perfect one in every way All others bow before your greatness Your fluffy crown brings light to day [Grandiose bridge] None can match your sigma power None can reach your lofty height Giga chad of endless glory Bringing darkness into light [Final chorus - fortissimo] Picasso, our beloved Picasso! Your fluffy mane sets hearts aflame The strongest, wisest, most commanding All others pale before your name! [Dramatic finale] Pi-cas-sooooooo!
Hey Joey, it's time for a shower!
মনে পড়ে রুবি রায়, মনে পড়ে রুবি রায় কবিতায় তোমাকে একদিন কত করে ডেকেছি, আজ হায় রুবি রায় ডেকে বলো আমাকে তোমাকে কোথায় যেন দেখেছি। মনে পড়ে রুবি রায় কবিতায় তোমাকে একদিন কত করে ডেকেছি, আজ হায় রুবি রায় ডেকে বলো আমাকে তোমাকে কোথায় যেন দেখেছি। রোদ জ্বলা দুপুরে, সুর তুলে নুপুরে বাস থেকে তুমি যবে নাবতে, রোদ জ্বলা দুপুরে, সুর তুলে নুপুরে বাস থেকে তুমি যবে নাবতে, একটি কিশোর ছেলে একা কেন দাঁড়িয়ে সে কথা কি কোনোদিন ভাবতে? মনে পড়ে রুবি রায় কবিতায় তোমাকে একদিন কত করে ডেকেছি, আজ হায় রুবি রায় ডেকে বলো আমাকে তোমাকে কোথায় যেন দেখেছি। দ্বীপ জ্বলা সন্ধ্যায়, দ্বীপ জ্বলা সন্ধ্যায় হৃদয়ের জানালায় কান্নার খাঁচা শুধু রেখেছি, দ্বীপ জ্বলা সন্ধ্যায় হৃদয়ের জানালায় কান্নার খাঁচা শুধু রেখেছি, ও পাখি সেতো আসে নি, তুমি ভালোবাসোনি স্বপ্নের জাল বৃথা বুনেছি। মনে পড়ে রুবি রায় কবিতায় তোমাকে একদিন কত করে ডেকেছি, আজ হায় রুবি রায় ডেকে বলো আমাকে তোমাকে কোথায় যেন দেখেছি। মনে পড়ে রুবি রায়, মনে-পড়ে রুবি রায় ..
Oh, here they come a'Recknonin', O'er hill and vale, Children play, bombs away, Super Earth we hail! Here they come a'Reckonin', Justice justly served, Flowers grow, blood will flow, Peace on Super Earth!
Intro (Folk Instrumental: Algoza, Sarangi, and Dholak) सांझ ढळे चांदणी, रैण करे पुकार, घूमे रे घिरघिर बादळ, बिरहा री बयार। साजन ने संदेशो, पंछी बन लावे, पर वो परदेस गयो, आसू रह जावे। Chorus साजन को तरसे, नैना ये बरसे, धड़कन भी रोवे, बिना तेरे। दिल ये खाली, दर्द संभाले, हर लम्हा बस तुझे ही पुकारे। Verse 1 पायल री झंकार, अब सूनी लगावे, घूंघट में छिपा चेहरा, थारी याद सतावे। महलों में लहरायो था, प्यार रो झरोखा, अब वो बंद सागरा, बस याद रो धोखा। Chorus साजन को तरसे, नैना ये बरसे, प्रीत अधूरी, बात अधूरी। तूने जो छोड़ा, हम हैं अकेले, घूंघट री छांव, अब धूप सहेले। Instrumental Break (Algoza Solo) Bridge (Folk Improv) रूप रा बादल, छांव री आशा, साजन बिन मन थारो, क्यूं सूना बासा? जिंदगी रा राग, करम री साजिश, घूम घूम धरती, लागे सूनी काशी। Verse 2 चांदनी रात में थारी परछाई, साजन रो दिल, प्रेम री गहराई। घूंघट में छुपा, याद रो मूरत, माया का खेल, मगर दिल सच्चा अमृत। Chorus (Repeat) साजन को तरसे, नैना ये बरसे, घिर घिर बादल, थारे संदेशा। लौट आ साजन, मन क्यूं झुरे। Outro (Soft, Echoing Vocals) साजन बिन जीवन, थारो अधूरो, रूप रा बादल, बस यादों में घुरो। दिल री धड़कन, सूनी लगावे, साजन को तरसे, नैना ये बरसे।
(Intro) किताबों के बीच वो हंसी के पल, वो खट्टी-मीठी बातें, वो चलती गल। दिल में बसा है, वो बेमिसाल जमाना, वो दोस्ती के रिश्ते, वो प्यारा ठिकाना। (Verse 1) कभी होमवर्क के बहाने, कभी मस्ती के ठिकाने, कभी क्लास में टीचर की डाँट खा जाना। वो लंच बॉक्स चुराना, कैंटीन की लाइन लगाना, बिना बात के झगड़े, फिर साथ मुस्कुराना। (Chorus) दिल कहता है, वो पल फिर जी लें, वो मासूमियत, वो हंसी फिर पी लें। स्कूल की यादें, हमें रुलाती हैं, वो बातें, हर दिन बुलाती हैं। (Verse 2) वो फेयरवेल के दिन, वो आँसू भरी रातें, सपनों के शहर में बिछड़ती बरसातें। क्लासरूम का वो कोना, जहां ख्वाब बसते थे, वो ब्लैकबोर्ड, जहां दिलों के राज लिखते थे। (Chorus) दिल कहता है, वो पल फिर जी लें, वो मासूमियत, वो हंसी फिर पी लें। स्कूल की यादें, हमें रुलाती हैं, वो बातें, हर दिन बुलाती हैं। (Bridge) अब न वो बेंच है, न वो शरारतों का सफर, ज़िन्दगी की किताब में लिखे गए नए डगर। पर हर पन्ने पर, वो स्कूल का नाम है, दिल की डायरी में, वो बचपन का पैगाम है। (Outro) यादों के मौसम में, अक्सर लौट जाते हैं, वो पुराने किस्से, दिल को गुनगुनाते हैं। किताबें बदल गईं, पर ख्वाब वहीं ठहरे, स्कूल की गलियों में, हम आज भी बहके।
I walk among the gilded ashes, Of a name once pure, once whole. Shattered now by spiteful clashes, Still, it burns within my soul. (The strings swell dramatically, and the choir softly hums an ominous tune.) --- [Verse 1] The halls once rang with noble pride, Their banners high, their flame undied. Now whispers mock where honor stood, My name erased, my noble blood. But I shall weave a brighter thread, A mantle from the words they’ve said. This crown of lies, I’ll make it real, And show them all what fate can steal. (The choir rises, chanting: "Varnikov... Varnikov...") --- [Chorus] (Loud, sweeping, and triumphant.) Gilded ashes to golden flame, I’ll seize their power, reclaim my name! The stars themselves bow down to might, I’ll rise again and shroud their light! (The brass erupts in a triumphant fanfare, and the strings carry his ambition forward like a tide.) --- [Bridge] (The music softens; Kravel kneels, gripping a relic of his past.) I stand in shadows of my kin, A fractured soul, my fight within. Is this the price of what I seek? This fragile dream, this gilded peak? (The choir whispers haunting questions: "Is it worth it? Is it pride?") --- [Final Chorus – Reprise] (The tempo accelerates, and the music surges to a climactic conclusion.) From gilded ashes, I will soar, A Varnikov, disgraced no more! Let heaven’s fire burn the sky— The crown is mine, and none deny!
Fisik bisa dirubah ,materi bisa dicari , tapi yang tulus tidak datang dua kali ,oh... yang tulus tidak datang dua kali Agus...... aku sayang kamu