Sai Baba 2

Song Created By @Entra With AI Singing

Chi tiết âm thanh

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Sai Baba 2
created by Entra
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Sai Baba 2
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Chi tiết âm nhạc

Văn bản lời bài hát

मुखड़ा:
साईं का दरबार सजा है, आओ सब पुकार करें,
तेरे चरणों में झुके हैं, दिल से इकरार करें।
कोरस:
ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत,
ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत।
अंतरा 1:
तेरा नाम जो लेता है, उसका बेड़ा पार हो,
तेरे द्वारे पे जो आए, उसका हर संसार हो।
तेरी रहमत का जलवा, हर दिल में बसा रहे,
तेरी कृपा से ये जीवन, फूलों सा खिला रहे।
कोरस:
ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत,
ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत।
अंतरा 2:
तेरा दर जो खोजे, वो मोहब्बत पाता है,
तेरे दर से खाली कोई भी न जाता है।
तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया,
तेरे दामन का सहारा, हमने दिल से लिया।
कोरस:
ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत,
ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत।
अंतरा 3:
तेरे चमत्कार निराले, दुनिया देखती रहे,
तेरी महिमा के चर्चे, हर जुबां पर रहे।
तू है दीनों का सहारा, सबकी है आस तू,
तेरे नाम की महक से, रोशन ये सांस तू।
कोरस:
ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत,
ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत।
अंतरा 4:
तेरी लीला है अपरंपार, समझ न पाए कोई,
तेरा नाम लेके चलता, मंजिल को पाए कोई।
तेरे दर पर हर दिल को सुकून मिलता है,
तेरे चाहने वालों का जहान बसता है।
कोरस:
ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत,
ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत।

Mô tả phong cách âm nhạc

fast face, Qawwali, extra bass, bass blaster

Ngôn ngữ lời bài hát

Hindi

Emotional Analysis

The lyrics evoke a sense of devotion, reverence, and spiritual yearning for divine grace. There is a celebration of faith and a deep emotional connection to the divine presence, characterized by feelings of hope and love.

Application Scenarios

This song can be played during spiritual gatherings, religious ceremonies, meditation sessions, or festivals celebrating devotion. It serves as a form of worship that invites listeners to connect with their spirituality.

Technical Analysis

Musically, the song features a fast-paced rhythm typical of Qawwali, with an emphasis on robust vocals and a strong bassline. The use of call-and-response patterns in the chorus is a classic trait of Qawwali, designed to engage the audience. The arrangement likely includes traditional instruments such as harmonium and dholak, enhanced by electronic bass for a modern sound.

Nhạc liên quan Nhiều phong cách âm nhạc khác

s-google-AI-singing
s

மீட்பரின் சத்தம் கேட்கின்றதே மீட்டிடும் சத்தம் கேட்கின்றதே

रहमत के नगमे-FUNNY-AI-singing
रहमत के नगमे

[Verse] मेरे आका ऐ रहमत पे लाखों सलाम ताजदारे रिसालत पे लाखों सलाम अंधेरी दुनिया में जब के उजाला हुआ आ गया नूर और सवेरा हुआ [Verse 2] काबा भी जुमके ऐ कहेंने लगा मुस्तफा की विलादत पे लाखों सलाम तमन्ना ए मूसा दिदारे की शान पैगम्बर की रहमत पे लाखों सलाम [Chorus] रुखसार नबी की वो प्यारी चमक देखकर हर दिल हुआ आशिकाना नूरानी चेहरा है कायनात का राज़ इस हुस्न पे लाखों सलाम भेजा [Bridge] यहाँ धरती भी गाई फरिश्तों का गीत नवाजिश का मंज़र हर समां में बसा हर दिल खुद ही हुआ रौशन यहाँ रहमत के तराने गाता है अब जहाँ [Verse 3] प्यार से भरे हैं उनके कदमों का निशा बख्शीश बेअंत है हर नज़र जहाँ ऊँची है बुलंदी उनके नाम से रखता है जो दिल में सच्ची अकीदत यहाँ [Chorus] रुखसार नबी की वो प्यारी चमक देखकर हर दिल हुआ आशिकाना नूरानी चेहरा है कायनात का राज़ इस हुस्न पे लाखों सलाम भेजा

Year 2025-AMIT KUMAR-AI-singing
Year 2025

नववर्ष 2025: भगवान शिव के जीवन में स्वागत प्रस्तावना: आदर और अभिवादन हे महादेव, कैलाशपति, त्रिपुरारी, नववर्ष 2025 का शुभारंभ आपके चरणों में। आपकी कृपा से यह वर्ष हो मंगलमय, आपके आशीर्वाद से हर जीव हो सुखी। शिव का स्वरूप और उनकी महिमा आपकी जटाओं में बहती गंगा, जो हर पाप को धो देती है। आपके माथे पर चमकता चंद्रमा, जो हर अंधकार को मिटा देता है। त्रिशूल है आपके हाथों में, जो सत्य और धर्म का प्रतीक है। डमरू की ध्वनि गूँजती है, जो सृष्टि का आरंभ करती है। आपके नयन से प्रकट होती अग्नि, जो अन्याय और बुराई को जलाती है। आपके कंठ में सर्पों का हार, जो जीवन और मृत्यु का संदेश देता है। नववर्ष 2025 का स्वागत हे शिव शंकर, नववर्ष का प्रथम दिन, आपकी आराधना से शुरू हो। आपकी कृपा से जीवन में आए, शांति, समृद्धि और सच्चाई का मार्ग। नववर्ष का हर क्षण, आपकी उपस्थिति का अनुभव कराए। हर दिशा में फैले आपकी महिमा, हर जीव के मन में बसे आपका नाम। शिव और प्रकृति का संबंध हे भोलेनाथ, आप प्रकृति के रक्षक, हर पेड़, हर नदी आपका प्रतीक। गंगा की धारा आपकी कृपा का संदेश, पर्वत और वन आपके ध्यान का स्थल। नववर्ष में प्रकृति का सम्मान करें, आपके आदर्शों पर चलकर इसे संरक्षित करें। हर पुष्प, हर पत्ता गाए आपकी स्तुति, आपकी ऊर्जा से हर प्राणी हो प्रफुल्लित। शिव की कृपा से नववर्ष की शुभकामनाएँ आपकी कृपा से हो हर कार्य सिद्ध, आपके आशीर्वाद से हो हर स्वप्न साकार। नववर्ष में हर मन में हो विश्वास, आपके चरणों में समर्पित हो हर प्रयास। त्रिनेत्र से आपकी दृष्टि, दिखाए सच्चाई का मार्ग। आपके आशीर्वाद से हर हृदय, हो प्रेम और करुणा से परिपूर्ण। नववर्ष के लिए प्रार्थना हे शिव, नववर्ष में हमें शक्ति दें, धर्म, सत्य और न्याय का पालन करें। आपकी भक्ति से हर बाधा हटे, हर मार्ग में प्रकाश की किरण फूटे। शिव, आप ही हमारे मार्गदर्शक, आपके बिना सब कुछ अधूरा। नववर्ष में आपका आशीर्वाद, हर जीवन को बनाए परिपूर्ण। शिव और जीवन का संगम शिव, आप सृष्टि के निर्माता, आपके बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं। आपकी तांडव में सृष्टि का नृत्य, आपकी शांति में सृष्टि का स्थिरता। हर हृदय में बसे आपकी भक्ति, हर आत्मा में हो आपका प्रकाश। नववर्ष का हर दिन हो, आपकी उपस्थिति से धन्य। समाप्ति: नववर्ष की शुभकामनाएँ हे महादेव, नववर्ष 2025 का स्वागत करें, आपके चरणों में समर्पित हो हर भावना। आपकी कृपा से हर जीवन हो सुखमय, हर मन में शांति और प्रेम का संचार हो। ओम नमः शिवाय का जप करें, हर हृदय को शिव का वास मिले। नववर्ष का हर पल हो शिवमय, हर दिशा में गूँजे शिव का नाम। अंतिम प्रार्थना हे नीलकंठ, इस वर्ष में हमें सद्बुद्धि दें, सत्य, अहिंसा और प्रेम का मार्ग दिखाएँ। आपकी कृपा से हर जीवन हो सजीव, हर मन हो आपके चरणों में समर्पित। नववर्ष 2025 का स्वागत करें, शिव के चरणों में भक्ति अर्पित करें। आपकी महिमा से सारा संसार हो आलोकित, आपकी उपस्थिति से हर आत्मा हो प्रेरित। यह भजन, जो शिव की आराधना और नववर्ष 2025 के स्वागत में रचा गया है, शिव के प्रति समर्पण और उनकी कृपा की महिमा का गुणगान करता है।

Radha-Priyanshu-AI-singing
Radha

श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। गोवर्धन गिरिधारी, कृपा तेरी प्यारी, मुझे अपने चरणों के संग में रंग दे। तेरी मुरली की धुन में खो जाऊं, प्रभु मैं बस तुझसे ही मिल जाऊं। राधा के संग संग झूमूं हरदम, मेरा मन भी तुझसे बंध जाऊं। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। तेरे नाम की महिमा बंसी सुनाए, तेरा प्रेम तो हर बंधन मिटाए। राधा-श्याम का मिलन देखूं सपना, इस प्रेम में मेरा जीवन बिताए। मन मेरा वृन्दावन बन जाए, जहां बस तेरा नाम ही छाए। प्रभु राधा की भक्ति का सार सिखा, मुझे अपने प्रेम का वरदान दिलाए। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। तू करुणा का सागर, तू प्रेम का प्रकाश, तेरे बिना ये जीवन है केवल उपहास। राधा की भक्ति से भरा है संसार, श्याम तेरे बिना सब है बेकार। प्रभु मेरे जीवन को पावन कर दो, तेरे प्रेम का मधुर आलिंगन भर दो। राधा के संग तेरी भक्ति में डूबूं, मेरा हर क्षण तुझसे ही जुड़ जाए। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे।

Mukund Baba-Entra-AI-singing
Mukund Baba

लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तूने सबको अपनाया, बड़ा तेरा दरबार, तेरे चरणों में झुककर, हर दुखिया पाता प्यार। तेरे आशीष से खिलते, भक्तों के अरमान, लातूर वाले मुकुंद बाबा, तू है सबका भगवान। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरे नाम से रौशन, ये जग का हर कोना, तेरी महिमा सुनकर, हर मन है दीवाना। तेरी छवि है निर्मल, तेरी कृपा है भारी, तेरे बिना ये जीवन, अधूरी एक कहानी। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरी मूरत देख के, दिल को सुकून आता है, तेरी चरण रज से, जीवन नया हो जाता है। तेरी दया का सागर, हर दर्द मिटा देता, लातूर वाले मुकुंद बाबा, हर ग़म भुला देता। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरी सेवा में रहना, यही है मेरा सपना, तेरे बिना जीवन, लगता है अधूरा अपना। तू जो मेरे साथ है, डर कैसा संसार से, लातूर वाले मुकुंद बाबा, तेरा सहारा है हर राह पे। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे।

Sai Baba 2-Entra-AI-singing
Sai Baba 2

मुखड़ा: साईं का दरबार सजा है, आओ सब पुकार करें, तेरे चरणों में झुके हैं, दिल से इकरार करें। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 1: तेरा नाम जो लेता है, उसका बेड़ा पार हो, तेरे द्वारे पे जो आए, उसका हर संसार हो। तेरी रहमत का जलवा, हर दिल में बसा रहे, तेरी कृपा से ये जीवन, फूलों सा खिला रहे। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 2: तेरा दर जो खोजे, वो मोहब्बत पाता है, तेरे दर से खाली कोई भी न जाता है। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरे दामन का सहारा, हमने दिल से लिया। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 3: तेरे चमत्कार निराले, दुनिया देखती रहे, तेरी महिमा के चर्चे, हर जुबां पर रहे। तू है दीनों का सहारा, सबकी है आस तू, तेरे नाम की महक से, रोशन ये सांस तू। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 4: तेरी लीला है अपरंपार, समझ न पाए कोई, तेरा नाम लेके चलता, मंजिल को पाए कोई। तेरे दर पर हर दिल को सुकून मिलता है, तेरे चाहने वालों का जहान बसता है। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत।

Sai Baba 2-Entra-AI-singing
Sai Baba 2

साईं के चरणों में मेरा सिर झुका रहे, हर सांस में नाम तेरा, मन तुझसे जुड़ा रहे। तेरे बिना ये जीवन, अधूरा सा लगे, तेरे प्यार की छांव में, हर दर्द मेरा ढले। साईं, ओ साईं, मेरे मन के मीत, साईं, ओ साईं, हर पल तेरी प्रीत। तेरी रहमत के सागर में, डूब जाऊं हर पल, तेरी कृपा से मिट जाए, मेरा हर एक छल। तेरी कथा सुनते-सुनते, दिन और रात कटे, तेरे दामन का सहारा, हर मुश्किल को छंटे। साईं, ओ साईं, तू ही जीवन दाता, साईं, ओ साईं, तू ही है विघ्नहर्ता। तेरे द्वार पर आऊं, हर सुबह, हर शाम, तेरे दर्शन से मिट जाए, मेरा हर गम और घम। तू है सत्य का दीपक, अज्ञान को मिटाए, तेरे चरणों में झुककर, सारा सुख पाएं। साईं, ओ साईं, तू ही है संसार, साईं, ओ साईं, तू ही है आधार। तेरी लीला है निराली, कौन समझ पाए, तेरा नाम लेते ही, पत्थर भी पिघल जाए। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरी दया से पाया, मैंने जीने का सिला। साईं, ओ साईं, तू है दया का सागर, साईं, ओ साईं, तू ही सृष्टि का आधार।

Sai Baba 2-Entra-AI-singing
Sai Baba 2

साईं के चरणों में मेरा सिर झुका रहे, हर सांस में नाम तेरा, मन तुझसे जुड़ा रहे। तेरे बिना ये जीवन, अधूरा सा लगे, तेरे प्यार की छांव में, हर दर्द मेरा ढले। साईं, ओ साईं, मेरे मन के मीत, साईं, ओ साईं, हर पल तेरी प्रीत। तेरी रहमत के सागर में, डूब जाऊं हर पल, तेरी कृपा से मिट जाए, मेरा हर एक छल। तेरी कथा सुनते-सुनते, दिन और रात कटे, तेरे दामन का सहारा, हर मुश्किल को छंटे। साईं, ओ साईं, तू ही जीवन दाता, साईं, ओ साईं, तू ही है विघ्नहर्ता। तेरे द्वार पर आऊं, हर सुबह, हर शाम, तेरे दर्शन से मिट जाए, मेरा हर गम और घम। तू है सत्य का दीपक, अज्ञान को मिटाए, तेरे चरणों में झुककर, सारा सुख पाएं। साईं, ओ साईं, तू ही है संसार, साईं, ओ साईं, तू ही है आधार। तेरी लीला है निराली, कौन समझ पाए, तेरा नाम लेते ही, पत्थर भी पिघल जाए। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरी दया से पाया, मैंने जीने का सिला। साईं, ओ साईं, तू है दया का सागर, साईं, ओ साईं, तू ही सृष्टि का आधार।

Sai Baba-Entra-AI-singing
Sai Baba

साईं बाबा तू हमेशा, मेरे साथ रहे, तेरे चरणों में सुकून, मेरा मन रहे। तेरी रहमत का साया, हर घड़ी साथ हो, हर अंधेरा मिट जाए, तेरा दीदार हो। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा। तेरे चमत्कारों से, बंधन टूट जाए, दुख और पीड़ा का हर पल छूट जाए। तेरा नाम लेके चलूं, हर कदम सही हो, तू जो रहे साथ मेरे, तो राहें नयी हों। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा। तेरी कृपा से मिले, हर ख्वाब का किनारा, तेरे चरणों में ही, है स्वर्ग का नजारा। तू ही गुरु, तू ही दाता, तू ही सब कुछ है, तेरे बिना ये जीवन, एक अधूरी दास्तां है। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा।

Call to prayer-Ruzni-AI-singing
Call to prayer

Here God is the Greatest, God is the Greatest God is the Greatest, God is the Greatest I bear witness that there is no deity but God I bear witness that there is no deity but God I bear witness that Muhammad is the Messenger of God I bear witness that Muhammad is the Messenger of God Hasten to prayer Hasten to prayer Hasten to success Hasten to success God is the Greatest, God is the Greatest There is no deity but God

Bajrang baan-Varun-AI-singing
Bajrang baan

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान जय हनुमंत संत हितकार, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी जन के काज बिलंब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै जैसे कूदि सिंधु महिपारा, सुरसा बदन पैठि बिस्तारा आगे जाय लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुरलोका जाय बिभीषन को सुख दीन्हा, सीता निरखि परमपद लीन्हा बाग उजारि सिंधु महँ बोरा, अति आतुर जमकातर तोरा अक्षय कुमार मारि संहारा, लूम लपेटि लंक को जारा लाह समान लंक जरि गई, जय-जय धुनि सुरपुर नभ भई अब बिलंब केहि कारन स्वामी, कृपा करहु उर अंतरयामी जय-जय लखन प्रान के दाता, आतुर ह्वै दुख करहु निपाता जय हनुमान जयति बल-सागर, सुर-समूह-समरथ भट-नागर ॐ हनु-हनु-हनु हनुमंत हठीले, बैरिहि मारु बज्र की कीले ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा, ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा जय अंजनि कुमार बलवंता, शंकरसुवन बीर हनुमंता बदन कराल काल-कुल-घालक, राम सहाय सदा प्रतिपालक भूत, प्रेत, पिसाच निसाच, र अगिन बेताल काल मारी मर इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की, राखु नाथ मरजाद नाम की सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै, राम दूत धरु मारु धाइ कै जय-जय-जय हनुमंत अगाधा, दुख पावत जन केहि अपराधा पूजा जप तप नेम अचारा, नहिं जानत कछु दास तुम्हारा बन उपबन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं जनकसुता हरि दास कहावौ, ताकी सपथ बिलंब न लावौ जै जै जै धुनि होत अकासा, सुमिरत होय दुसह दुख नासा चरन पकरि, कर जोरि मनावौं, यहि औसर अब केहि गोहरावौं उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई, पायँ परौं, कर जोरि मनाई ॐ चं चं चं चं चपल चलंता, ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल, ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल अपने जन को तुरत उबारौ, सुमिरत होय आनंद हमारौ यह बजरंग-बाण जेहि मारै, ताहि कहौ फिरि कवन उबारै पाठ करै बजरंग-बाण की, हनुमत रक्षा करै प्रान की यह बजरंग बाण जो जापैं, तासों भूत-प्रेत सब कापैं धूप देय जो जपै हमेसा, ताके तन नहिं रहै कलेसा ...ताके तन नहिं रहै कलेसा उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान

जलाओ दिये-Dr. Roma Smart-AI-singing
जलाओ दिये

जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। नई ज्योति के धर नए पंख झिलमिल, उड़े मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छू ले, लगे रोशनी की झड़ी झूम ऐसी, निशा की गली में तिमिर राह भूले, खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग, ऊषा जा न पाए, निशा आ ना पाए जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। सृजन है अधूरा अगर विश्व भर में, कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी, मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी, कि जब तक लहू के लिए भूमि प्यासी, चलेगा सदा नाश का खेल यूँ ही, भले ही दिवाली यहाँ रोज आए जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। मगर दीप की दीप्ति से सिर्फ जग में, नहीं मिट सका है धरा का अँधेरा, उतर क्यों न आयें नखत सब नयन के, नहीं कर सकेंगे ह्रदय में उजेरा, कटेंगे तभी यह अँधरे घिरे अब, स्वयं धर मनुज दीप का रूप आए जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।