नववर्ष 2025: भगवान शिव के जीवन में स्वागत प्रस्तावना: आदर और अभिवादन हे महादेव, कैलाशपति, त्रिपुरारी, नववर्ष 2025 का शुभारंभ आपके चरणों में। आपकी कृपा से यह वर्ष हो मंगलमय, आपके आशीर्वाद से हर जीव हो सुखी। शिव का स्वरूप और उनकी महिमा आपकी जटाओं में बहती गंगा, जो हर पाप को धो देती है। आपके माथे पर चमकता चंद्रमा, जो हर अंधकार को मिटा देता है। त्रिशूल है आपके हाथों में, जो सत्य और धर्म का प्रतीक है। डमरू की ध्वनि गूँजती है, जो सृष्टि का आरंभ करती है। आपके नयन से प्रकट होती अग्नि, जो अन्याय और बुराई को जलाती है। आपके कंठ में सर्पों का हार, जो जीवन और मृत्यु का संदेश देता है। नववर्ष 2025 का स्वागत हे शिव शंकर, नववर्ष का प्रथम दिन, आपकी आराधना से शुरू हो। आपकी कृपा से जीवन में आए, शांति, समृद्धि और सच्चाई का मार्ग। नववर्ष का हर क्षण, आपकी उपस्थिति का अनुभव कराए। हर दिशा में फैले आपकी महिमा, हर जीव के मन में बसे आपका नाम। शिव और प्रकृति का संबंध हे भोलेनाथ, आप प्रकृति के रक्षक, हर पेड़, हर नदी आपका प्रतीक। गंगा की धारा आपकी कृपा का संदेश, पर्वत और वन आपके ध्यान का स्थल। नववर्ष में प्रकृति का सम्मान करें, आपके आदर्शों पर चलकर इसे संरक्षित करें। हर पुष्प, हर पत्ता गाए आपकी स्तुति, आपकी ऊर्जा से हर प्राणी हो प्रफुल्लित। शिव की कृपा से नववर्ष की शुभकामनाएँ आपकी कृपा से हो हर कार्य सिद्ध, आपके आशीर्वाद से हो हर स्वप्न साकार। नववर्ष में हर मन में हो विश्वास, आपके चरणों में समर्पित हो हर प्रयास। त्रिनेत्र से आपकी दृष्टि, दिखाए सच्चाई का मार्ग। आपके आशीर्वाद से हर हृदय, हो प्रेम और करुणा से परिपूर्ण। नववर्ष के लिए प्रार्थना हे शिव, नववर्ष में हमें शक्ति दें, धर्म, सत्य और न्याय का पालन करें। आपकी भक्ति से हर बाधा हटे, हर मार्ग में प्रकाश की किरण फूटे। शिव, आप ही हमारे मार्गदर्शक, आपके बिना सब कुछ अधूरा। नववर्ष में आपका आशीर्वाद, हर जीवन को बनाए परिपूर्ण। शिव और जीवन का संगम शिव, आप सृष्टि के निर्माता, आपके बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं। आपकी तांडव में सृष्टि का नृत्य, आपकी शांति में सृष्टि का स्थिरता। हर हृदय में बसे आपकी भक्ति, हर आत्मा में हो आपका प्रकाश। नववर्ष का हर दिन हो, आपकी उपस्थिति से धन्य। समाप्ति: नववर्ष की शुभकामनाएँ हे महादेव, नववर्ष 2025 का स्वागत करें, आपके चरणों में समर्पित हो हर भावना। आपकी कृपा से हर जीवन हो सुखमय, हर मन में शांति और प्रेम का संचार हो। ओम नमः शिवाय का जप करें, हर हृदय को शिव का वास मिले। नववर्ष का हर पल हो शिवमय, हर दिशा में गूँजे शिव का नाम। अंतिम प्रार्थना हे नीलकंठ, इस वर्ष में हमें सद्बुद्धि दें, सत्य, अहिंसा और प्रेम का मार्ग दिखाएँ। आपकी कृपा से हर जीवन हो सजीव, हर मन हो आपके चरणों में समर्पित। नववर्ष 2025 का स्वागत करें, शिव के चरणों में भक्ति अर्पित करें। आपकी महिमा से सारा संसार हो आलोकित, आपकी उपस्थिति से हर आत्मा हो प्रेरित। यह भजन, जो शिव की आराधना और नववर्ष 2025 के स्वागत में रचा गया है, शिव के प्रति समर्पण और उनकी कृपा की महिमा का गुणगान करता है।
Classical folk
Hindi
The lyrics evoke a sense of reverence, spirituality, and hope. They are imbued with devotion and express a longing for divine blessings and peace for the new year.
This song is suitable for New Year celebrations, religious gatherings, and spiritual ceremonies, where the focus is on welcoming a new beginning with blessings from Lord Shiva.
The structure of the lyrics employs poetic devices such as metaphors and imagery, depicting Lord Shiva's attributes and qualities. The rhythmic patterns are likely suited for traditional musical compositions, reflecting the classical folk genre.
"In the vale where shadows creep, Direburn lost to endless sleep. A town of laughter, light, and kin, now echoes of what could have been. They sang, they danced, in joy and grace, until the darkness found this place. No one knows how it began, only whispers of a cursed man. Direburn stands, a ghostly maw, beckoning those who seek its flaw. But tread with care, and mind your way, or you may never see the day."
[Verse] In the mists of morning's embrace Where the ancient stones still stand Whisper tales of those who've passed Their footsteps mark the land [Verse] O’er the hills The echoes call From the heather to the sea Timeless songs of lives once lived In the beauty wild and free [Chorus] An Dúlra Ársa sings tonight Through valleys deep and high Of ancient hearts and sacred sights Beneath the starry sky [Verse] Rivers carve the verdant glen With secrets old as earth Lost in time The tales they spin Of love and sorrow's worth [Bridge] By the fire’s gentle glow Elders weave their lore Bound in dreams of long ago Forevermore Evermore [Chorus] An Dúlra Ársa sings tonight Through valleys deep and high Of ancient hearts and sacred sights Beneath the starry sky
Letters I’ll Never Send [Verse 1] Dear you, the one who left too soon, I still feel your shadow in every room. I write your name, then let it fade, A ghost of love that time betrayed. Dear me, the one who held it all in, You let silence win where words begin. Folded emotions, hidden like art, Now these letters hold pieces of my heart. [Pre-Chorus] I seal them tight and hide them away, Words too heavy for the light of day. [Chorus] These are the letters I’ll never send, Fragments of a story that never ends. Every word’s a tear, every line’s a scar, Reaching for someone who’s too far. Unspoken truths that I can’t defend, These are the letters I’ll never send. [Verse 2] Dear stranger, you were a fleeting face, A moment’s comfort in a crowded place. I wonder sometimes what could’ve been, If I’d had the courage to let you in. Dear you, the one I can’t forget, Your name’s a whisper of quiet regret. I’ve written it down a thousand ways, But none can undo those lost days. [Pre-Chorus] They’re locked in drawers, they’re tucked in books, Memories hidden in corners and nooks. [Chorus] These are the letters I’ll never send, Fragments of a story that never ends. Every word’s a tear, every line’s a scar, Reaching for someone who’s too far. Unspoken truths that I can’t defend, These are the letters I’ll never send. [Bridge] Someday, someone might stumble upon, These pieces of me when I’m long gone. A time capsule of love, hurt, and grace, A mirror reflecting a younger face. [Chorus] These are the letters I’ll never send, Fragments of a story that never ends. Every word’s a tear, every line’s a scar, Reaching for someone who’s too far. Unspoken truths that I can’t defend, These are the letters I’ll never send. [Outro] And maybe it’s better they stay unread, Love’s quiet echoes in things unsaid. But they’re here, and they’ll always be, The letters I wrote for you and me.
नववर्ष 2025: भगवान शिव के जीवन में स्वागत प्रस्तावना: आदर और अभिवादन हे महादेव, कैलाशपति, त्रिपुरारी, नववर्ष 2025 का शुभारंभ आपके चरणों में। आपकी कृपा से यह वर्ष हो मंगलमय, आपके आशीर्वाद से हर जीव हो सुखी। शिव का स्वरूप और उनकी महिमा आपकी जटाओं में बहती गंगा, जो हर पाप को धो देती है। आपके माथे पर चमकता चंद्रमा, जो हर अंधकार को मिटा देता है। त्रिशूल है आपके हाथों में, जो सत्य और धर्म का प्रतीक है। डमरू की ध्वनि गूँजती है, जो सृष्टि का आरंभ करती है। आपके नयन से प्रकट होती अग्नि, जो अन्याय और बुराई को जलाती है। आपके कंठ में सर्पों का हार, जो जीवन और मृत्यु का संदेश देता है। नववर्ष 2025 का स्वागत हे शिव शंकर, नववर्ष का प्रथम दिन, आपकी आराधना से शुरू हो। आपकी कृपा से जीवन में आए, शांति, समृद्धि और सच्चाई का मार्ग। नववर्ष का हर क्षण, आपकी उपस्थिति का अनुभव कराए। हर दिशा में फैले आपकी महिमा, हर जीव के मन में बसे आपका नाम। शिव और प्रकृति का संबंध हे भोलेनाथ, आप प्रकृति के रक्षक, हर पेड़, हर नदी आपका प्रतीक। गंगा की धारा आपकी कृपा का संदेश, पर्वत और वन आपके ध्यान का स्थल। नववर्ष में प्रकृति का सम्मान करें, आपके आदर्शों पर चलकर इसे संरक्षित करें। हर पुष्प, हर पत्ता गाए आपकी स्तुति, आपकी ऊर्जा से हर प्राणी हो प्रफुल्लित। शिव की कृपा से नववर्ष की शुभकामनाएँ आपकी कृपा से हो हर कार्य सिद्ध, आपके आशीर्वाद से हो हर स्वप्न साकार। नववर्ष में हर मन में हो विश्वास, आपके चरणों में समर्पित हो हर प्रयास। त्रिनेत्र से आपकी दृष्टि, दिखाए सच्चाई का मार्ग। आपके आशीर्वाद से हर हृदय, हो प्रेम और करुणा से परिपूर्ण। नववर्ष के लिए प्रार्थना हे शिव, नववर्ष में हमें शक्ति दें, धर्म, सत्य और न्याय का पालन करें। आपकी भक्ति से हर बाधा हटे, हर मार्ग में प्रकाश की किरण फूटे। शिव, आप ही हमारे मार्गदर्शक, आपके बिना सब कुछ अधूरा। नववर्ष में आपका आशीर्वाद, हर जीवन को बनाए परिपूर्ण। शिव और जीवन का संगम शिव, आप सृष्टि के निर्माता, आपके बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं। आपकी तांडव में सृष्टि का नृत्य, आपकी शांति में सृष्टि का स्थिरता। हर हृदय में बसे आपकी भक्ति, हर आत्मा में हो आपका प्रकाश। नववर्ष का हर दिन हो, आपकी उपस्थिति से धन्य। समाप्ति: नववर्ष की शुभकामनाएँ हे महादेव, नववर्ष 2025 का स्वागत करें, आपके चरणों में समर्पित हो हर भावना। आपकी कृपा से हर जीवन हो सुखमय, हर मन में शांति और प्रेम का संचार हो। ओम नमः शिवाय का जप करें, हर हृदय को शिव का वास मिले। नववर्ष का हर पल हो शिवमय, हर दिशा में गूँजे शिव का नाम। अंतिम प्रार्थना हे नीलकंठ, इस वर्ष में हमें सद्बुद्धि दें, सत्य, अहिंसा और प्रेम का मार्ग दिखाएँ। आपकी कृपा से हर जीवन हो सजीव, हर मन हो आपके चरणों में समर्पित। नववर्ष 2025 का स्वागत करें, शिव के चरणों में भक्ति अर्पित करें। आपकी महिमा से सारा संसार हो आलोकित, आपकी उपस्थिति से हर आत्मा हो प्रेरित। यह भजन, जो शिव की आराधना और नववर्ष 2025 के स्वागत में रचा गया है, शिव के प्रति समर्पण और उनकी कृपा की महिमा का गुणगान करता है।
श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। गोवर्धन गिरिधारी, कृपा तेरी प्यारी, मुझे अपने चरणों के संग में रंग दे। तेरी मुरली की धुन में खो जाऊं, प्रभु मैं बस तुझसे ही मिल जाऊं। राधा के संग संग झूमूं हरदम, मेरा मन भी तुझसे बंध जाऊं। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। तेरे नाम की महिमा बंसी सुनाए, तेरा प्रेम तो हर बंधन मिटाए। राधा-श्याम का मिलन देखूं सपना, इस प्रेम में मेरा जीवन बिताए। मन मेरा वृन्दावन बन जाए, जहां बस तेरा नाम ही छाए। प्रभु राधा की भक्ति का सार सिखा, मुझे अपने प्रेम का वरदान दिलाए। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे। तू करुणा का सागर, तू प्रेम का प्रकाश, तेरे बिना ये जीवन है केवल उपहास। राधा की भक्ति से भरा है संसार, श्याम तेरे बिना सब है बेकार। प्रभु मेरे जीवन को पावन कर दो, तेरे प्रेम का मधुर आलिंगन भर दो। राधा के संग तेरी भक्ति में डूबूं, मेरा हर क्षण तुझसे ही जुड़ जाए। श्याम संग राधा के रंग में रंग दे, प्रभु मेरी भक्ति को अनंग में रंग दे।
Ahem, good sirs, gather ‘round, let me spin a yarn, About this rogue, this villain, who fills my heart with scorn! Furgus is his name, a scoundrel of the worst degree, His presence is an ill wind, an affront to you and me! He walks with swagger, thinks himself a king, But his wit is dull, his rhymes, they cannot sing! He plots and schemes, like a rat in the cellar’s gloom, While I, with eloquence, seal his impending doom! And to sharpen my mind, for this lyrical fray, I sip the elixir, that brightens the day! A drop of liquid lightning, a draught of potent grace, It fuels this battle rhythm, and puts him in his place! Now hould yer horses, Silas, let me add a word or two, This Furgus git, he's rotten through and through! A weasel in a waistcoat, a serpent in a coat, He’d sell his own grandmama, for a single silver groat! He struts about like a bantam cock, all puffed up and grand, But he can’t hold a candle to the power in my hand! I’ve seen him whisperin’ in corners, plotting in the night, While we’re out here, standing tall, and shining like a light! And to give me the gusto, to fight this dastardly deed, I’ve got the elixir, a most vital need! A fiery brew, it warms me through, from my head down to my toes, It’s the key to our victory, as everyone knows! He thinks his cleverness is unmatched, a peak he’s reached so high, But I see through his charade, with a discerning eye! His words are empty vessels, a hollow, clanging sound, While mine are sharp and purposeful, on solid rhythmic ground! He wouldn’t know a syllogism if it slapped him on the face! He's a mere pretender, a stain of social disgrace! And while he wallows in the mud, with his nefarious ilk, I am soaring high above, like a falcon made of silk! And thanks to the elixir, clear and strong my vision is, I’ll outwit this Furgus fiend, that’s the task that is my biz! Aye, Silas speaks the truth, the lad’s got a point, ye see, This Furgus fellow’s got no sense of decency! He'd steal the stars from heaven, if he thought that he could gain, While we, the rightful champions, endure the driving rain! He’ll fail with all his scheming, all his wicked little plans, We’ve got the fire and the spirit, burning in our hands! He’ll crumble ‘fore the might of what we’ve got inside, The elixir makes us mighty, there’s nowhere left to hide! So raise your glass, good people, to this potion, bold and bright, And let’s consign this Furgus to the everlasting night! Elixir fueled and righteous, our victory is nigh! Furgus, you’re done for, so pack your bags and fly! Huzzah
(Verse 1) Deep beneath, the nail root's found Nail matrix producing, cells all around The lunula shines, like a crescent moon As the nail plate grows, its journey's begun (Chorus) Nails, nails, growing strong Nail bed, cuticle, all day long Nail wall protecting, groove guiding the way Healthy nails shining, every single day (Verse 2) Cuticle wraps, around with care Nail wall shields, the delicate share Nail plate shines, with vibrant hue Nail matrix working, for me and you (Chorus) Nails, nails, growing strong Nail bed, cuticle, all day long Nail wall protecting, groove guiding the way Healthy nails shining, every single day
लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तूने सबको अपनाया, बड़ा तेरा दरबार, तेरे चरणों में झुककर, हर दुखिया पाता प्यार। तेरे आशीष से खिलते, भक्तों के अरमान, लातूर वाले मुकुंद बाबा, तू है सबका भगवान। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरे नाम से रौशन, ये जग का हर कोना, तेरी महिमा सुनकर, हर मन है दीवाना। तेरी छवि है निर्मल, तेरी कृपा है भारी, तेरे बिना ये जीवन, अधूरी एक कहानी। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरी मूरत देख के, दिल को सुकून आता है, तेरी चरण रज से, जीवन नया हो जाता है। तेरी दया का सागर, हर दर्द मिटा देता, लातूर वाले मुकुंद बाबा, हर ग़म भुला देता। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरी सेवा में रहना, यही है मेरा सपना, तेरे बिना जीवन, लगता है अधूरा अपना। तू जो मेरे साथ है, डर कैसा संसार से, लातूर वाले मुकुंद बाबा, तेरा सहारा है हर राह पे। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे।
मुखड़ा: साईं का दरबार सजा है, आओ सब पुकार करें, तेरे चरणों में झुके हैं, दिल से इकरार करें। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 1: तेरा नाम जो लेता है, उसका बेड़ा पार हो, तेरे द्वारे पे जो आए, उसका हर संसार हो। तेरी रहमत का जलवा, हर दिल में बसा रहे, तेरी कृपा से ये जीवन, फूलों सा खिला रहे। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 2: तेरा दर जो खोजे, वो मोहब्बत पाता है, तेरे दर से खाली कोई भी न जाता है। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरे दामन का सहारा, हमने दिल से लिया। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 3: तेरे चमत्कार निराले, दुनिया देखती रहे, तेरी महिमा के चर्चे, हर जुबां पर रहे। तू है दीनों का सहारा, सबकी है आस तू, तेरे नाम की महक से, रोशन ये सांस तू। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 4: तेरी लीला है अपरंपार, समझ न पाए कोई, तेरा नाम लेके चलता, मंजिल को पाए कोई। तेरे दर पर हर दिल को सुकून मिलता है, तेरे चाहने वालों का जहान बसता है। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत।
साईं के चरणों में मेरा सिर झुका रहे, हर सांस में नाम तेरा, मन तुझसे जुड़ा रहे। तेरे बिना ये जीवन, अधूरा सा लगे, तेरे प्यार की छांव में, हर दर्द मेरा ढले। साईं, ओ साईं, मेरे मन के मीत, साईं, ओ साईं, हर पल तेरी प्रीत। तेरी रहमत के सागर में, डूब जाऊं हर पल, तेरी कृपा से मिट जाए, मेरा हर एक छल। तेरी कथा सुनते-सुनते, दिन और रात कटे, तेरे दामन का सहारा, हर मुश्किल को छंटे। साईं, ओ साईं, तू ही जीवन दाता, साईं, ओ साईं, तू ही है विघ्नहर्ता। तेरे द्वार पर आऊं, हर सुबह, हर शाम, तेरे दर्शन से मिट जाए, मेरा हर गम और घम। तू है सत्य का दीपक, अज्ञान को मिटाए, तेरे चरणों में झुककर, सारा सुख पाएं। साईं, ओ साईं, तू ही है संसार, साईं, ओ साईं, तू ही है आधार। तेरी लीला है निराली, कौन समझ पाए, तेरा नाम लेते ही, पत्थर भी पिघल जाए। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरी दया से पाया, मैंने जीने का सिला। साईं, ओ साईं, तू है दया का सागर, साईं, ओ साईं, तू ही सृष्टि का आधार।
साईं बाबा तू हमेशा, मेरे साथ रहे, तेरे चरणों में सुकून, मेरा मन रहे। तेरी रहमत का साया, हर घड़ी साथ हो, हर अंधेरा मिट जाए, तेरा दीदार हो। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा। तेरे चमत्कारों से, बंधन टूट जाए, दुख और पीड़ा का हर पल छूट जाए। तेरा नाम लेके चलूं, हर कदम सही हो, तू जो रहे साथ मेरे, तो राहें नयी हों। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा। तेरी कृपा से मिले, हर ख्वाब का किनारा, तेरे चरणों में ही, है स्वर्ग का नजारा। तू ही गुरु, तू ही दाता, तू ही सब कुछ है, तेरे बिना ये जीवन, एक अधूरी दास्तां है। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा।
Oh-oh, can you feel it? Mmmmmhhnnmn, oh woah oh Eleven years ahead, you taught me to lead, (lead) Ten years behind her, she made room for my dreams. Six years from him, and we raced through the streams, (racing) A castle in winter where wands sparked the scenes. Lightning struck nightly, heroes rewrote their fates, Fairy dust lingered on the paths we’d create. (we create) We built our kingdoms in basement halls, (our kingdoms, mhm) Spun magic in winters, broke rules in the fall. Now the map’s unfolded, miles stretch between, But the ties that we’ve woven still pull on the seams. From snowball fights to late-night shows, The basement forts, the highs and lows. One travels the world, another has a kid, (travel world) One’s building their dreams, one’s writing what we did. (we did, oh woah oh) The echoes of laughter still ring through the walls, The soundtrack of childhood, I hear it all. Time pulls us forward, but leaves us behind, Our roots still grow where our hearts rewind. (rewinding) Now we’re chasing dreams under separate skies, Time slips away, but the memories rise. From bunk beds to doorways that feel too wide, Our laughter’s a river, it still runs inside. Back then, we spun the world on our own terms, A chapter we wrote that the heart still affirms. We built our kingdoms in basement halls, (our kingdoms, mhm) Spun magic in winters, broke rules in the fall. Now the map’s unfolded, miles stretch between, But the ties that we’ve woven still pull on the seams. From snowball fights to late-night shows, The basement forts, the highs and lows. One travels the world, another has a kid, (travel world) One’s building their dreams, one’s writing what we did. (we did, oh woah oh) The echoes of laughter still ring through the walls, The soundtrack of childhood, I hear it all. Time pulls us forward, but leaves us behind, Our roots still grow where our hearts rewind.(rewinding) We were wizards with wands, casting spells of our own, Fairy lights in the dark led the way back home. A spark in the night, like lightning we’d race, Keeping real love timeless, stitched into our place. (timeless, oh woah, Keeping Real Love Timeless) Neverland whispers, where time never fades, A quiver of moments, each arrow we’ve made. Through distance and years, the bond still holds true, The love in our hearts, forever our glue. From snowball fights to late-night dreams, The basement forts, the stitched-up seams. One’s finding their way, one holds a hand, One’s chasing a sunrise, one maps where we stand. The echoes of laughter still carry us through, The magic of childhood, the love that we knew. Though time pulls us forward, it won’t erase, The map to our hearts is a family’s embrace. From magic and laughter to dreams that we’ve grown, The roads may divide, but they all lead us home. (Home, no place like home, mhmmmm, ooohh-woah yeah)