साईं के चरणों में मेरा सिर झुका रहे, हर सांस में नाम तेरा, मन तुझसे जुड़ा रहे। तेरे बिना ये जीवन, अधूरा सा लगे, तेरे प्यार की छांव में, हर दर्द मेरा ढले। साईं, ओ साईं, मेरे मन के मीत, साईं, ओ साईं, हर पल तेरी प्रीत। तेरी रहमत के सागर में, डूब जाऊं हर पल, तेरी कृपा से मिट जाए, मेरा हर एक छल। तेरी कथा सुनते-सुनते, दिन और रात कटे, तेरे दामन का सहारा, हर मुश्किल को छंटे। साईं, ओ साईं, तू ही जीवन दाता, साईं, ओ साईं, तू ही है विघ्नहर्ता। तेरे द्वार पर आऊं, हर सुबह, हर शाम, तेरे दर्शन से मिट जाए, मेरा हर गम और घम। तू है सत्य का दीपक, अज्ञान को मिटाए, तेरे चरणों में झुककर, सारा सुख पाएं। साईं, ओ साईं, तू ही है संसार, साईं, ओ साईं, तू ही है आधार। तेरी लीला है निराली, कौन समझ पाए, तेरा नाम लेते ही, पत्थर भी पिघल जाए। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरी दया से पाया, मैंने जीने का सिला। साईं, ओ साईं, तू है दया का सागर, साईं, ओ साईं, तू ही सृष्टि का आधार।
bhajan, fast pace, bass, music, Qawwali, extra bass, bass blaster
Hindi
The lyrics convey deep devotion, love, and surrender to the divine, expressing feelings of longing, gratitude, and solace in faith. The repeated invocation of 'साईं' (Sai) evokes a sense of comfort and emotional connection.
This song is ideal for spiritual gatherings, devotional practices, meditation sessions, and during moments of reflection or prayer. It can be performed in temples or during festivals and serves as a source of inspiration and peace for believers.
The song incorporates elements typical of bhajans and Qawwalis, featuring a fast pace that allows for an energetic and uplifting experience. The use of extra bass and bass blaster effects enhances the spiritual atmosphere, making it suitable for group singing and collective worship. Additionally, the repetitive structure and melodic motifs create a chant-like quality that encourages participation.
[Verse] राम का नाम जपो मन हरदम सच्चा जग में सत्य वही मुख से नाची नाची हर वक्त होठों पे उसका साया संकट में सिर्फ वही काम आया [Chorus] राम राम बोलो सुनो गूंजे हर दिशा हर कोने में प्यार बहे राम का नाम सबसे ऊँचा मन की बाती उसी में डूबा [Verse 2] कष्ट आये भले जितने भी कठिन राम का नाम ले मिटेगा हर दिन सत्य की डगर पर चलना निरंतर अविनाशी उसका नाम सुनो मन्तर [Chorus] राम राम बोलो सुनो गूंजे हर दिशा हर कोने में प्यार बहे राम का नाम सबसे ऊँचा मन की बाती उसी में डूबा [Bridge] जीवन के राह में जब कभी अंधेरा राम का नाम हो सवेरा कार्य कोई जो हो कठिन समझो राम नाम से सब सहज बनो [Chorus] राम राम बोलो सुनो गूंजे हर दिशा हर कोने में प्यार बहे राम का नाम सबसे ऊँचा मन की बाती उसी में डूबा
Tera Naam Khwaja Moinuddin Tu Rasoole Pak Ki Aal Hai Teri Shaan Khwaja e Khwajgan Tujhe Bekaso Ka Khayaal Hai Tera Naam Khwaja Moinuddin Tu Rasoole Pak Ki Aal Hai Mera Bigda Waqt Sawaar Do Mere Khwaja Mujhko Nawaz Do Teri Ek Nigaah Ki Baat Hai Meri Zindagi Ka Soowal Hai Tera Naam Khwaja Moinuddin Tu Rasoole Pak Ki Aal Hai Teri Ek Nigaah Ki Baat Hai Meri Zindagi Ka Soowal Hai Tera Naam Khwaja Moinuddin Tu Rasoole Pak Ki Aal Hai Main Ghada e Khwaja e Chist Hoon Mujhe Is Ghadai Pe Naaz Hai Mera Naaz Khwaja Pe Kyun Naa Ho Mera Khwaja Banda Nawaaz Hai Tera Naam Khwaja Moinuddin Tu Rasoole Pak Ki Aal Hai Mera Khwaja Ataa e Rasool Hai Woh Bahaar e Chist Ka Phool Hai Woh Bahaar e Gulshan e Fatima Chaman e Ali Ka NIhaal Hai Tera Naam Khwaja Moinuddin Tu Rasoole Pak Ki Aal Hai Yahan Bheek Milti Hai Be Gumaan Yeh Bade Sakhi Ka Hai Aastaan Yaha Sab Ki Bharti Hai Jholiyan Yeh Dar e Garib Nawaz Hai Tera Naam Khwaja Moinuddin Tu Rasoole Pak Ki Aal Hai
यो! ये ब्रह्मांड का राज़, श्री कृष्ण का स्वरूप, वो शुरुआत, वो अंत, हर पल है वो अनूप। अब सुन, मेरी वाणी में उनका विराट सत्य, जहां पद के नीचे पाताल और सर पे स्वर्ग सदा व्याप्त! (Verse 1) पद के नीचे पाताल देख, अंतरिक्ष में मेरी चाल देख। ये ब्रह्मांड मेरी माया है, हर जीव, हर कण मुझमें समाया है। मेरी सांसों में है जीवन की गाथा, मैं ही शाश्वत, मैं ही परमपथ। सूरज का तेज़, चाँद की ठंडक, सब मेरा प्रतिबिंब, ये मत भूल न। मैं कण-कण में, मैं शून्य में भी हूं, धर्म का रखवाला, अधर्म का नाश हूं। विनाश हु मैं, फिर से शुरुआत हु मैं, हर काल, हर युग में, बस साक्षात हु मैं। (Hook) विकराल रूप, विनाश हु मैं, शुरुआत और अंत का प्रकाश हु मैं। हर युग, हर क्षण में विराजमान हूं, श्रीकृष्ण विराट स्वरूप, यही पहचान हूं। (Verse 2) मुझमें गूंजे वासुदेव की वाणी, गीता के श्लोक, हर युग की कहानी। जब अधर्म बढ़े, मैं आता साक्षात, हर बार रचता, नई धर्म की बात। मेरी भुजाओं में शक्तियां अनंत, हर दिशा में गूंजे मेरा दैवी कंठ। मैं काले घन का अंधेरा, मैं तेज का सवेरा, हर अंश में बसा हूं, ये मेरा बसेरा। काल चक्र की धुरी मैं हूं, जीवन और मृत्यु का पुलिंदा हूं। जो भी देखे मेरा विराट रूप, वो समझे सत्य, न करे कभी भूल। (Hook) विकराल रूप, विनाश हु मैं, शुरुआत और अंत का प्रकाश हु मैं। हर युग, हर क्षण में विराजमान हूं, श्रीकृष्ण विराट स्वरूप, यही पहचान हूं। (Bridge) जब अर्जुन ने देखा, स्वरूप मेरा महा, हर देवता, हर जीव था मुझमें समा। उसने कहा, "हे केशव, तू तो सबकुछ है, तू ही सृष्टि का आधार, तू ही शक्ति और दिशा है।" मैं काल हूं, मैं विनाश का स्वर, जो अधर्मी करे पाप, वो बचे न कोई ओर। सत्य की धार हूं, धर्म का सार हूं, कृष्ण का विराट स्वरूप, मैं अवतार हूं। (Outro) यो! ये बस एक झलक है, श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की। जब सत्य, धर्म और माया के पार देखोगे, तब समझोगे, वो क्या है! श्रीकृष्ण, विराट स्वरूप, अनंत और अपरंपार। (Hook - Fade Out) विकराल रूप, विनाश हु मैं, शुरुआत और अंत का प्रकाश हु मैं। हर युग, हर क्षण में विराजमान हूं, श्रीकृष्ण विराट स्वरूप, यही पहचान हूं।
यो! सुनो ध्यान से, ये ब्रह्मांड का खेल, श्रीकृष्ण की लीला, अनंत का मेल। प्रारंभ वही, वही अंत का संहार, जो कुछ दिखे तुम्हें, वो उनका ही विस्तार। सहस्र सूर्यों का तेज हूँ मैं, चंद्रमा जैसा शीतल हूँ मैं। प्रारंभ में जो था, वही अब भी मैं, हर काल, हर युग में उपस्थित हूँ मैं। अनंत ब्रह्मांड मेरी एक सांस में बने, फिर वही ब्रह्मांड पल भर में तिरोहित हों। दानव, राक्षस, मनुष्य, पशु, सब मेरी माया, सब मेरा प्रसार। जो दिखे तुझे ये जग का आधार, मैं ही हूँ उसका अदृश्य विस्तार। हर कण में बसता हूँ, हर दिशा में हूँ, मैं सृष्टि की रचना, मैं विनाश का दूत हूँ। वो कृष्ण हूँ मैं, विराट स्वरूप हूँ मैं, प्रारंभ और अंत का साक्षात रूप हूँ मैं। अनंत का तेज हूँ, माया का जाल हूँ, श्रीकृष्ण विराट, यही मेरी पहचान हूँ। मेरी भुजाओं में पर्वतों का बल, मेरे नेत्रों में जलती अग्नि का पल। मैं काल का चक्र, मैं धर्म का रक्षक, मैं सत्य का दीपक, मैं अधर्म का भक्षक। देवता मेरी वंदना करें, राक्षस थर-थर कांपे, संपूर्ण सृष्टि मेरी महिमा में झुके। पवन में गूंजे मेरी वाणी का स्वर, मृत्यु और जीवन, दोनों का मैं आधार। जो देखे मेरा स्वरूप, हो भयभीत, पर वही पाए ज्ञान का दीप। मैं सृष्टि का खेल, मैं इसकी माया, श्रीकृष्ण का विराट, सब मुझसे छाया। वो कृष्ण हूँ मैं, विराट स्वरूप हूँ मैं, प्रारंभ और अंत का साक्षात रूप हूँ मैं। अनंत का तेज हूँ, माया का जाल हूँ, श्रीकृष्ण विराट, यही मेरी पहचान हूँ। जब अर्जुन ने कहा, "हे प्रभु, तेरा क्या है सार?" मैंने कहा, "मैं ही सब, मैं ही आधार। देखो सहस्रों सिर, सहस्रों भुजाएँ, मेरा विराट रूप, सब जग समाएँ। सूर्य मेरा तेज, चंद्रमा मेरी शीतलता, पृथ्वी मेरा काया, आकाश मेरी व्याप्ति। जो समझे इस सत्य को, वही है ज्ञानी, जो न समझे, वो रहे अज्ञानी।" यो! ये श्रीकृष्ण की महिमा का गीत, जो विराट को जाने, वही पाए जीत। अब सुनो ध्यान से, और इसे समझो, श्रीकृष्ण का स्वरूप ही सृष्टि का सच हो। वो कृष्ण हूँ मैं, विराट स्वरूप हूँ मैं, प्रारंभ और अंत का साक्षात रूप हूँ मैं। अनंत का तेज हूँ, माया का जाल हूँ, श्रीकृष्ण विराट, यही मेरी पहचान हूँ।
[Instrumental]
Om namo hiranya-bahave hiranya-varanaya hiranya-roopaya hiranya-pataye ambika pataya uma pataye pashupataye namo namaha Yishana sarva-vidyanam Yishwara-sarva-bhootanam Bramhadi-pate bramhanodipate bramha shivome astusada shivom Tatpurushaya vidmahe vag-vishudhaaya dhimahi tanno shiva prachodayat | Mahadevaya vidmahe rudra-moortaye dhimahi tanno shiva prachodayat || Namaste astu bhagavan vishsveshwaraya mahadevaya tryambakaya tripurantakaya trikagnikalaya Kalagnirudraya nilakanthaya mrityunjayaya sarveshwaraya sadashivaya shriman mahadevaya namaha
लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तूने सबको अपनाया, बड़ा तेरा दरबार, तेरे चरणों में झुककर, हर दुखिया पाता प्यार। तेरे आशीष से खिलते, भक्तों के अरमान, लातूर वाले मुकुंद बाबा, तू है सबका भगवान। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरे नाम से रौशन, ये जग का हर कोना, तेरी महिमा सुनकर, हर मन है दीवाना। तेरी छवि है निर्मल, तेरी कृपा है भारी, तेरे बिना ये जीवन, अधूरी एक कहानी। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरी मूरत देख के, दिल को सुकून आता है, तेरी चरण रज से, जीवन नया हो जाता है। तेरी दया का सागर, हर दर्द मिटा देता, लातूर वाले मुकुंद बाबा, हर ग़म भुला देता। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे। तेरी सेवा में रहना, यही है मेरा सपना, तेरे बिना जीवन, लगता है अधूरा अपना। तू जो मेरे साथ है, डर कैसा संसार से, लातूर वाले मुकुंद बाबा, तेरा सहारा है हर राह पे। लातूर वाले मुकुंद बाबा, सदा मेरे साथ रहे, तेरी कृपा की छांव में, हर मुश्किल आसान रहे।
मुखड़ा: साईं का दरबार सजा है, आओ सब पुकार करें, तेरे चरणों में झुके हैं, दिल से इकरार करें। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 1: तेरा नाम जो लेता है, उसका बेड़ा पार हो, तेरे द्वारे पे जो आए, उसका हर संसार हो। तेरी रहमत का जलवा, हर दिल में बसा रहे, तेरी कृपा से ये जीवन, फूलों सा खिला रहे। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 2: तेरा दर जो खोजे, वो मोहब्बत पाता है, तेरे दर से खाली कोई भी न जाता है। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरे दामन का सहारा, हमने दिल से लिया। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 3: तेरे चमत्कार निराले, दुनिया देखती रहे, तेरी महिमा के चर्चे, हर जुबां पर रहे। तू है दीनों का सहारा, सबकी है आस तू, तेरे नाम की महक से, रोशन ये सांस तू। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत। अंतरा 4: तेरी लीला है अपरंपार, समझ न पाए कोई, तेरा नाम लेके चलता, मंजिल को पाए कोई। तेरे दर पर हर दिल को सुकून मिलता है, तेरे चाहने वालों का जहान बसता है। कोरस: ओ साईं, मेरे साईं, तेरा नाम है रहमत, ओ साईं, मेरे साईं, तू ही है करामत।
साईं के चरणों में मेरा सिर झुका रहे, हर सांस में नाम तेरा, मन तुझसे जुड़ा रहे। तेरे बिना ये जीवन, अधूरा सा लगे, तेरे प्यार की छांव में, हर दर्द मेरा ढले। साईं, ओ साईं, मेरे मन के मीत, साईं, ओ साईं, हर पल तेरी प्रीत। तेरी रहमत के सागर में, डूब जाऊं हर पल, तेरी कृपा से मिट जाए, मेरा हर एक छल। तेरी कथा सुनते-सुनते, दिन और रात कटे, तेरे दामन का सहारा, हर मुश्किल को छंटे। साईं, ओ साईं, तू ही जीवन दाता, साईं, ओ साईं, तू ही है विघ्नहर्ता। तेरे द्वार पर आऊं, हर सुबह, हर शाम, तेरे दर्शन से मिट जाए, मेरा हर गम और घम। तू है सत्य का दीपक, अज्ञान को मिटाए, तेरे चरणों में झुककर, सारा सुख पाएं। साईं, ओ साईं, तू ही है संसार, साईं, ओ साईं, तू ही है आधार। तेरी लीला है निराली, कौन समझ पाए, तेरा नाम लेते ही, पत्थर भी पिघल जाए। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरी दया से पाया, मैंने जीने का सिला। साईं, ओ साईं, तू है दया का सागर, साईं, ओ साईं, तू ही सृष्टि का आधार।
साईं के चरणों में मेरा सिर झुका रहे, हर सांस में नाम तेरा, मन तुझसे जुड़ा रहे। तेरे बिना ये जीवन, अधूरा सा लगे, तेरे प्यार की छांव में, हर दर्द मेरा ढले। साईं, ओ साईं, मेरे मन के मीत, साईं, ओ साईं, हर पल तेरी प्रीत। तेरी रहमत के सागर में, डूब जाऊं हर पल, तेरी कृपा से मिट जाए, मेरा हर एक छल। तेरी कथा सुनते-सुनते, दिन और रात कटे, तेरे दामन का सहारा, हर मुश्किल को छंटे। साईं, ओ साईं, तू ही जीवन दाता, साईं, ओ साईं, तू ही है विघ्नहर्ता। तेरे द्वार पर आऊं, हर सुबह, हर शाम, तेरे दर्शन से मिट जाए, मेरा हर गम और घम। तू है सत्य का दीपक, अज्ञान को मिटाए, तेरे चरणों में झुककर, सारा सुख पाएं। साईं, ओ साईं, तू ही है संसार, साईं, ओ साईं, तू ही है आधार। तेरी लीला है निराली, कौन समझ पाए, तेरा नाम लेते ही, पत्थर भी पिघल जाए। तूने सबको अपनाया, भेदभाव न किया, तेरी दया से पाया, मैंने जीने का सिला। साईं, ओ साईं, तू है दया का सागर, साईं, ओ साईं, तू ही सृष्टि का आधार।
साईं बाबा तू हमेशा, मेरे साथ रहे, तेरे चरणों में सुकून, मेरा मन रहे। तेरी रहमत का साया, हर घड़ी साथ हो, हर अंधेरा मिट जाए, तेरा दीदार हो। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा। तेरे चमत्कारों से, बंधन टूट जाए, दुख और पीड़ा का हर पल छूट जाए। तेरा नाम लेके चलूं, हर कदम सही हो, तू जो रहे साथ मेरे, तो राहें नयी हों। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा। तेरी कृपा से मिले, हर ख्वाब का किनारा, तेरे चरणों में ही, है स्वर्ग का नजारा। तू ही गुरु, तू ही दाता, तू ही सब कुछ है, तेरे बिना ये जीवन, एक अधूरी दास्तां है। ओ साईं, ओ साईं, तू ही है मेरा सहारा, ओ साईं, ओ साईं, तू ही है सब कुछ हमारा।
[Verse] Mann ke mandir mein Ram basayein Siya ka prem har dukh mitayein Aankhon mein aansu Par mann mein sukoon Unka hi naam har shabd sajayein [Verse 2] Ram ke charan jahan par padein Us dharti ke phool bhi khil jayein Bhakti mein jo doobein har pal Prabhu ki leela sada gunjein pal pal [Chorus] Siya Ram Siya Ram Har dil mein basa unka naam Bhav se bharein jo bhi mil jaayein Ram Siya sang pyaar barsaayein [Bridge] Jab bhakti ras mein doobein sab log Chod dein man ka sab bhog Aastha ke is amrit saagar Ram Siya Hai hamare aadhar [Verse 3] Ramayan ke geet jab bhi gaayein Mann mein punya ki baatein aayein Jeevan ka yeh raah us disha Ram Siya ke pad sahaj jhalakein vishwas [Chorus] Siya Ram Siya Ram Mantra japo har ek saam Jeevan mein tho he prem ki dor Siya Ram ke bina kya he aur