छोटा गुलाबी सूअर आया, खेतों में मस्ती फैलाया। घास के ढेर पर कूद-फांद, सूरज संग खेला छुपा-छिपा। सूं-सूं करता इधर-उधर, मिट्टी में लोटे सुबह-सवेरे। दूध की बाल्टी देखे जो, झटपट दौड़े, कहे "मेरे-मेरे!" उसकी पूंछ छोटी, घुमावदार, नाक में हल्की, मस्त ताजगी। माँ का प्यार और दोस्तों संग, बचपन में हर दिन है रागी। चल सूअर, खेत को जाएं, दोस्तों संग गाना गाएं। सूं-सूं की धुन पर नाचे, खुशियों के पल खूब भाएं। छोटा गुलाबी सूअर प्यारा, सबका दुलारा, सबसे न्यारा। मस्ती में जीवन बिताए, हर दिल को हंसना सिखाए!
nursery rhyme, jingle bells, female voice, kids song
Hindi
joyful, playful, nostalgic
children's entertainment, educational settings, family gatherings
simple rhyme scheme, repetitive melodies, easy to sing along, engaging imagery, melodic rhythm suitable for young children
辅导天使的約定 第一點自己要勇於表达 你我要良好溝通 接下來,積極主動 ,互相提醒 ,互相配合 幫助夥伴一同扶圓補缺 最後別忘了,準時交功課
Three Little Pigs, Building Away 🐷🐷🐷 Three little pigs went out one day, Building houses in their own way. One chose straw, so light and quick, "Look at my house, it’s done! So slick!" Oink, oink, oink, the wolf came by, "Huff and puff, I’ll blow it high!" The straw house fell, oh, what a sight, Piggy ran off in such a fright! The second pig built with sticks so neat, "This will stand up, it’s quite a feat!" But the wolf came close with a mighty blow, And down went the house, oh no, oh no! Oink, oink, oink, the third pig said, "I’ll build with bricks, so strong instead!" The wolf huffed hard, but it stood tall, He couldn’t blow down that house at all! Three little pigs, safe inside, Laughed and cheered with so much pride. "Build with care, don’t take it light, And you’ll stay safe every night!"
छोटा सूअर मस्त-मजेदार 🐷 छोटा सूअर, मोटा सूअर, मिट्टी में खेले हर बार। कभी कूदे, कभी झूमे, लगता है मस्त-मजेदार। 🐷 चुन-चुन खाना ढूंढे वो, सेब, गाजर, या कोई रोटी। जब भूख लगे, दौड़े झटपट, मम्मी के पास करे जरा चोंटी। बगीचे में करे धमाल, दोस्तों संग मचाए बवाल। घास पे फिसले, कीचड़ में लोटे, कभी बने वो राजा, कभी बने मोती। 🐷 प्यारी सी उसकी आवाज, सूं-सूं करे सबका दिल खुश। छोटा सूअर बोले "मैं हूं, सबसे प्यारा, सबसे खास।" छोटा सूअर, गोल-मटोल, खुशियों से भरा उसका डोल। मिट्टी में खेले, मस्ती में गाए, हर बच्चा देखे तो मुस्कुराए! 😊
Three Little Pigs, Building Away 🐷🐷🐷 Three little pigs went out one day, Building houses in their own way. One chose straw, so light and quick, "Look at my house, it’s done! So slick!" 🐷 Oink, oink, oink, the wolf came by, "Huff and puff, I’ll blow it high!" The straw house fell, oh, what a sight, Piggy ran off in such a fright! The second pig built with sticks so neat, "This will stand up, it’s quite a feat!" But the wolf came close with a mighty blow, And down went the house, oh no, oh no! 🐷 Oink, oink, oink, the third pig said, "I’ll build with bricks, so strong instead!" The wolf huffed hard, but it stood tall, He couldn’t blow down that house at all! Three little pigs, safe inside, Laughed and cheered with so much pride. "Build with care, don’t take it light, And you’ll stay safe every night!" 😊
Little Pig, So Round and Pink 🐷 Little pig, so round and pink, Plays in the mud, don't you think? Wiggles his tail, a curly twist, Sniffing the air, what fun he’s missed! 🐷 Oink, oink, oink, he trots around, Jumping in puddles on the ground. Rolling in mud, a happy sight, Little pig's day is pure delight! Under the sun, he runs so fast, Chasing the breeze, making it last. With tiny hooves, he skips and hops, In the barnyard, he never stops! 🐷 Oink, oink, oink, hear him sing, "Life is fun in the muddy spring!" Little pig, so sweet and small, Brings joy and laughter to us all! 😊
छोटा गुलाबी सूअर आया, खेतों में मस्ती फैलाया। घास के ढेर पर कूद-फांद, सूरज संग खेला छुपा-छिपा। सूं-सूं करता इधर-उधर, मिट्टी में लोटे सुबह-सवेरे। दूध की बाल्टी देखे जो, झटपट दौड़े, कहे "मेरे-मेरे!" उसकी पूंछ छोटी, घुमावदार, नाक में हल्की, मस्त ताजगी। माँ का प्यार और दोस्तों संग, बचपन में हर दिन है रागी। चल सूअर, खेत को जाएं, दोस्तों संग गाना गाएं। सूं-सूं की धुन पर नाचे, खुशियों के पल खूब भाएं। छोटा गुलाबी सूअर प्यारा, सबका दुलारा, सबसे न्यारा। मस्ती में जीवन बिताए, हर दिल को हंसना सिखाए!
छोटा गुलाबी सूअर आया, खेतों में मस्ती फैलाया। घास के ढेर पर कूद-फांद, सूरज संग खेला छुपा-छिपा। सूं-सूं करता इधर-उधर, मिट्टी में लोटे सुबह-सवेरे। दूध की बाल्टी देखे जो, झटपट दौड़े, कहे "मेरे-मेरे!" उसकी पूंछ छोटी, घुमावदार, नाक में हल्की, मस्त ताजगी। माँ का प्यार और दोस्तों संग, बचपन में हर दिन है रागी। चल सूअर, खेत को जाएं, दोस्तों संग गाना गाएं। सूं-सूं की धुन पर नाचे, खुशियों के पल खूब भाएं। छोटा गुलाबी सूअर प्यारा, सबका दुलारा, सबसे न्यारा। मस्ती में जीवन बिताए, हर दिल को हंसना सिखाए!
एक नन्हा बाघ, प्यारा सा, जंगल में खेलता न्यारा सा। धारीदार कोट, चमकीले बाल, दौड़ता वो करता धमाल। मां कहे, "आराम करो, दूध पी लो, शांत रहो।" पर नन्हा बाघ ना माने बात, दौड़े वो दिन और रात। गेंद के पीछे भागे वो, तितली से भी बात करे वो। नदी किनारे गाना गाए, अपनी पूंछ खुद ही घुमाए। सूरज ढले, चांद निकले, थका बाघ मां की गोद में मिले। मां कहे, "अब सो जाओ, सपनों में नया खेल रचाओ।"
छोटा सा खरगोश, प्यारा प्यारा, कान बड़े उसके, न्यारा न्यारा। घास के ऊपर दौड़े सरपट, झाड़ी में जाकर छुपे फटाफट। सूरज निकला, हुई धूप भारी, छोटी सी परछाई उसकी न्यारी। गाजर खाए, मोटा हो जाए, कूद-फांद में सबको हराए। बच्चे बोले, "खरगोश मियां, क्यों भागते हो यहां-वहां?" खरगोश बोला, "मैं हूं फुर्तीला, जंगल का सबसे प्यारा साथीला!" चहकते गाएं सब बच्चे साथ, खरगोश की राइम बनी उनकी बात।
हाथी राजा बड़े सयाने, जंगल के वो वीर पुजाने। चलते जब वो झूम के, पेड़ हिलें सब धूम के। लोमड़ी आई चालाकी से, पूछी बात बड़ी नरमी से। "हाथी राजा, बताओ जरा, क्यों हो इतने भारी भरा?" हाथी हंसा और बोला यूं, "मजबूत हूं, हूं शांत मैं क्यूं। हर किसी को सिखाऊं यही, सच्चाई से बने सब सही।" लोमड़ी बोली, "हां ये सही, पर मेरी बात मानो कहीं। चालाकी से भी कुछ सीख लो, जंगल में तुम सब जीत लो!" हाथी राजा ने सिर हिलाया, सच और समझ का पाठ सिखाया। दोनों साथ में घूमने लगे, जंगल के सारे झगड़े सुलझे।
Twinkle, twinkle, little star, How I wonder what you are! Up above the world so high, Like a diamond in the sky. When the blazing sun is gone, When he nothing shines upon, Then you show your little light, Twinkle, twinkle, all the night. Twinkle, twinkle, little star, How I wonder what you are!
ابو بکر اور لقمان دونوں بھائی تھے، شرارتوں میں ہمیشہ ساتھ چلتے تھے۔ ابو بکر نے کہا، “آؤ، کچھ چپھاتے ہیں!” لقمان نے کہا، “نیا تماشہ کرتے ہیں!” چمچ چھپایا، کپڑے بکھرائے، گھر کا سامان ان دونوں نے غائب کر ڈالا۔ ماما آئی، تو دونوں ہنس پڑے، “اب بس کرو، کچھ اچھا کرو!” ماما نے کہا، پھر دونوں نے وعدہ کیا، اب شرارت کم کریں گے!