Koi to ho

Song Created By @Riya With AI Singing

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Koi to ho
created by Riya
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Koi to ho
created by Riya

Detalles de la música

Letras de la canción

Chorus
कोई तो हो... कोई तो हो
दिल के साज़ में सदा कोई तो हो
(कोई तो हो... कोई तो हो)
Verse 1
न हरीफ़-ए-जाँ न शरीक-ए-ग़म, शब-ए-इंतिज़ार कोई तो हो,
किसे बज़्म-ए-शौक़ में लाएँ हम, दिल-ए-बे-क़रार कोई तो हो
Chorus:
कोई तो हो... कोई तो हो
दिल के साज़ में सदा कोई तो हो
Verse 2
किसे ज़िंदगी है अज़ीज़ अब, किसे आरज़ू-ए-शब-ए-तरब,
मगर ऐ निगार-ए-वफ़ा तलब, तिरा एतिबार कोई तो हो
Chorus
कोई तो हो, कोई तो हो
दिल के साज़ में सदा कोई तो हो
Verse 3
कहीं तार-ए-दामन-ए-गुल मिले, तो ये मान लें कि चमन खिले,
कि निशान फ़स्ल-ए-बहार का, सर-ए-शाख़-सार कोई तो हो
Chorus:
कोई तो हो... कोई तो हो...
दिल के साज़ में सदा कोई तो हो...
Verse 4
ये उदास उदास से बाम ओ दर, ये उजाड़ उजाड़ सी रह-गुज़र,
चलो हम नहीं न सही मगर, सर-ए-कू-ए-यार कोई तो हो...
(सर-ए-कू-ए-यार कोई तो हो)
Chorus:
कोई तो हो... कोई तो हो...
दिल के साज़ में सदा कोई तो हो
Verse 5
सर-ए-मक़्तल-ए-शब-ए-आरज़ू, रहे कुछ तो इश्क़ की आबरू,
जो नहीं अदू तो 'फ़राज़' तू, कि नसीब-ए-दार कोई तो हो...
(नसीब-ए-दार  कोई तो हो)
Chorus
कोई तो हो... कोई तो हो...
दिल के साज़ में सदा कोई तो हो..

Descripción del estilo musical

Sufi melody

Idioma de la letra

Hindi

Emotional Analysis

The song expresses deep feelings of longing and desire for connection. It portrays a sense of yearning for love and companionship, evoking a bittersweet feeling that encapsulates both hope and melancholy.

Application Scenarios

This song can be used in romantic settings, introspective moments, or as part of a meditation session. It evokes emotions of longing and desire, making it suitable for quiet evenings, personal reflections, or even performances in intimate gatherings.

Technical Analysis

The song features traditional Sufi musical elements such as melodic improvisation and rhythmic patterns typical of Ghazals. The use of couplets and repetition in the chorus adds to the emotional depth, inviting listeners to immerse themselves in its reflective nature.

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Urdu poetry by Nihal-Alpha-AI-singing
Urdu poetry by Nihal

Dil ke Dhaarakne Suno Zara Dil ke dhaarakne suno zara, Ishq ke naghme buno zara. Mausam hai ishq ka mehek bhara, Apni baahon ka jadoo dikhao zara. Chand bhi sharma ke chhup gaya, Teri zulfon ka saaya jo cha gaya. Meri dhadkan ka har ek sur, Tere pyaar ka geet ban gaya. Ankhon se baatein ho rahi hain, Khwabon mein mulakatein ho rahi hain. Har pal tera intezaar hai, Har ghadi tera khayal hai. Dil ke dhaarakne suno zara, Ishq ke naghme buno zara. Mausam hai ishq ka mehek bhara, Apni baahon ka jadoo dikhao zara. Ishq ki Roshni Ishq ki roshni mein ghul gaya hai sama, Dil se dil ka silsila hai juda. Teri muskaan se roshan hai zindagi, Meri mohabbat ki har baat hai sada. Hawaon mein teri khushboo basi hai, Meri har saans mein ek nami si hai. Tere bina har mausam veerana lage, Teri baaton mein chandni basi hai. Chand ke peeche sitaron ki chaah hai, Meri har dua mein tera hi raah hai. Tujh se judi meri har ek dua, Mujhe mil jaye tu, bas yeh baat hai wafa. Ishq ki roshni mein ghul gaya hai sama, Dil se dil ka silsila hai juda. Tujh se judi meri har ek dua, Mujhe mil jaye tu, bas yeh baat hai wafa.

Koi to ho-Riya-AI-singing
Koi to ho

Chorus कोई तो हो... कोई तो हो दिल के साज़ में सदा कोई तो हो (कोई तो हो... कोई तो हो) Verse 1 न हरीफ़-ए-जाँ न शरीक-ए-ग़म, शब-ए-इंतिज़ार कोई तो हो, किसे बज़्म-ए-शौक़ में लाएँ हम, दिल-ए-बे-क़रार कोई तो हो Chorus: कोई तो हो... कोई तो हो दिल के साज़ में सदा कोई तो हो Verse 2 किसे ज़िंदगी है अज़ीज़ अब, किसे आरज़ू-ए-शब-ए-तरब, मगर ऐ निगार-ए-वफ़ा तलब, तिरा एतिबार कोई तो हो Chorus कोई तो हो, कोई तो हो दिल के साज़ में सदा कोई तो हो Verse 3 कहीं तार-ए-दामन-ए-गुल मिले, तो ये मान लें कि चमन खिले, कि निशान फ़स्ल-ए-बहार का, सर-ए-शाख़-सार कोई तो हो Chorus: कोई तो हो... कोई तो हो... दिल के साज़ में सदा कोई तो हो... Verse 4 ये उदास उदास से बाम ओ दर, ये उजाड़ उजाड़ सी रह-गुज़र, चलो हम नहीं न सही मगर, सर-ए-कू-ए-यार कोई तो हो... (सर-ए-कू-ए-यार कोई तो हो) Chorus: कोई तो हो... कोई तो हो... दिल के साज़ में सदा कोई तो हो Verse 5 सर-ए-मक़्तल-ए-शब-ए-आरज़ू, रहे कुछ तो इश्क़ की आबरू, जो नहीं अदू तो 'फ़राज़' तू, कि नसीब-ए-दार कोई तो हो... (नसीब-ए-दार कोई तो हो) Chorus कोई तो हो... कोई तो हो... दिल के साज़ में सदा कोई तो हो..

Shaadi Male-Hasan-AI-singing
Shaadi Male

(MALE ) In the cradle of dawn, where the river's song flows, A child sits in her garden, where the marigold grows. Her dreams are like stars, untouched by night, Her laughter like birds, in their innocent flight. Yet the wind whispers tales, of a shadowed fate, A bride in the bud, her childhood's gate. The bindis, the bangles, the red of her veil, Cover the spark that no words can unveil. Why must the bloom be plucked from its stem, Before the morning has whispered to them? Why must the anklet, so heavy and cold, Bind the young feet, before they are old? O Mother, O Father, why hasten the day, When the blossoms of youth are stolen away? Let the river of time in its own course flow, Let the child in her garden, in her innocence, grow. And one day, the world will be hers to embrace, And the shadows of the past, she will then erase. But for now, let her be, in her garden so wild, Let her live, let her breathe, for she is still a child.

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(MALE ) In the cradle of dawn, where the river's song flows, A child sits in her garden, where the marigold grows. Her dreams are like stars, untouched by night, Her laughter like birds, in their innocent flight. Yet the wind whispers tales, of a shadowed fate, A bride in the bud, her childhood's gate. The bindis, the bangles, the red of her veil, Cover the spark that no words can unveil. Why must the bloom be plucked from its stem, Before the morning has whispered to them? Why must the anklet, so heavy and cold, Bind the young feet, before they are old? O Mother, O Father, why hasten the day, When the blossoms of youth are stolen away? Let the river of time in its own course flow, Let the child in her garden, in her innocence, grow. And one day, the world will be hers to embrace, And the shadows of the past, she will then erase. But for now, let her be, in her garden so wild, Let her live, let her breathe, for she is still a child.

Sahar aur sham se kuch yun-Saksham-AI-singing
Sahar aur sham se kuch yun

सहर और शाम से कुछ यूँ गुज़रता जा रहा हूँ मैं, कि जीता जा रहा हूँ और मरता जा रहा हूँ मैं। (Group repeats: "कि जीता जा रहा हूँ और मरता जा रहा हूँ मैं") [Chorus] हो... ये दिल की तलब है, ये दिल की तलब है, हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है। (Group echoes "हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है") --- तमन्ना-ए-मुहाल-ए-दिल को जज़्ब-ए-ज़िंदगी कर के, फ़साना-ए-ज़ीस्त का पेचीदा करता जा रहा हूँ मैं। (Group repeats: "फ़साना-ए-ज़ीस्त का पेचीदा करता जा रहा हूँ मैं") गुल-ए-रंगीँ ये कहता है कि खिलना हुस्न खोना है, मगर गुंचा समझता है निखरता जा रहा हूँ मैं। (Group repeats: "मगर गुंचा समझता है निखरता जा रहा हूँ मैं") [Chorus] हो... ये दिल की तलब है, ये दिल की तलब है, हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है। (Group echoes "हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है") --- मिरा दिल भी अजब इक सागर-ए-ज़ौक़-ए-तमन्ना है, कि है ख़ाली का ख़ाली और भरता जा रहा हूँ मैं। (Group repeats: "कि है ख़ाली का ख़ाली और भरता जा रहा हूँ मैं") कहाँ तक एतिबार-ए-जान-ओ-जानों का तअल्लुक़ है, सँवरते जा रहे हैं वो सँवरता जा रहा हूँ मैं। (Group repeats: "सँवरते जा रहे हैं वो सँवरता जा रहा हूँ मैं") [Chorus] हो... ये दिल की तलब है, ये दिल की तलब है, हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है। (Group echoes "हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है") --- जवानी जा रही है और मैं महव-ए-तमाशा हूँ, उड़ी जाती है मंज़िल और ठहरता जा रहा हूँ मैं। (Group repeats: "उड़ी जाती है मंज़िल और ठहरता जा रहा हूँ मैं") बहुत ऊँचा उड़ा लेकिन अब इस ओज-ए-तख़य्युल से, किसी दुनिया-ए-रंगीँ में उतरता जा रहा हूँ मैं। (Group repeats: "किसी दुनिया-ए-रंगीँ में उतरता जा रहा हूँ मैं") [Chorus] हो... ये दिल की तलब है, ये दिल की तलब है, हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है। (Group echoes "हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है") --- 'नुशूर' आख़िर कहाँ तक फ़िक्र-ए-दुनिया दिल दुखाएगी, ग़म-ए-हस्ती को ज़ौक़-ए-शेर करता जा रहा हूँ मैं। (Group repeats: "ग़म-ए-हस्ती को ज़ौक़-ए-शेर करता जा रहा हूँ मैं") [Final Chorus] हो... ये दिल की तलब है, ये दिल की तलब है, हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है। (Group echoes "हर ज़ख़्म की ताब है, हर ग़म की सबब है") ग़म-ए-हस्ती को यूँ ही सजा बनाएँगे, ये दिल की तलब है, ये दिल की तलब है। (Group echoes "ये दिल की तलब है, ये दिल की तलब है")

Proposal-Faraz-AI-singing
Proposal

(Verse 1) Aankhon mein teri, qamar ka noor hai jaise Chehre pe tere, hoor ki jhalak, aise Dil mein meri, tere liye ishq beshumar Meri hayat, meri dunya, meri noor-e-nazar (Chorus) Meri habibi, meri jaan, karo mujhe qubool Saath chalenge hum dono, har mushkil se door Tere sang zindagi bitana chahta hoon Tere bina ek pal bhi, main nahi reh sakta hoon (Verse 2) Tere baalon ki ghata, jaise shab-e-yaldah Tere lehje ki mithas, jaise shahad ka firdous Tere muskan mein kho jaata hoon, jaise koi aashiq Tere bina main tanha, jaise phool be-rang (Chorus) Meri habibi, meri jaan, karo mujhe qubool Saath chalenge hum dono, har mushkil se door Tere sang zindagi bitana chahta hoon Tere bina ek pal bhi, main nahi reh sakta hoon (Bridge) College ke deewaron mein, likhi hai hamari kahani Ishq ki kitaaben mein, hoga tere mere naam ki nishani (Chorus) Meri habibi, meri jaan, karo mujhe qubool Saath chalenge hum dono, har mushkil se door Tere sang zindagi bitana chahta hoon Tere bina ek pal bhi, main nahi reh sakta hoon (Outro) In lamhaat ko, yaadon mein samet kar rakhna Meri mohabbat ki nishani, hamesha apne paas rakhna Will you be mine, forever? Meri habibi, meri jaan, mere Noor- al-haya bolo na bolo qubool hai qubool hai.

Lord Shiva Rap Song-CHANDAN-AI-singing
Lord Shiva Rap Song

(Verse 1) शिव की महिमा, अनंत है उसकी शक्ति, कैलाश पर्वत पर विराजे, वो है सच्ची भक्ति। जटाओं में गंगा, तांडव में लय, ब्रह्मा और विष्णु, उसके चरणों में बहे। (Chorus) ओम नमः शिवाय, ये है मंत्र सच्चा, हर संकट में साथ, वो है सदा हमारा रक्षक। ध्यान में उसकी छवि, शांति का अनुभव, भक्तों की पुकार में, सुनता वो हर स्वर। (Verse 2) सिर पर चंद्रमा, त्रिशूल हाथ में, नागों की माला, वो है अद्भुत स्वभाव में। आग में जलते, फिर भी वो है ठंडा, महाकाल का रूप, सबको देता है संजीवनी। (Chorus) ओम नमः शिवाय, ये है मंत्र सच्चा, हर संकट में साथ, वो है सदा हमारा रक्षक। ध्यान में उसकी छवि, शांति का अनुभव, भक्तों की पुकार में, सुनता वो हर स्वर। (Bridge) दुनिया की परेशानियाँ, वो करता दूर, भक्ति में लीन होकर, मिलता है सच्चा नूर। शिवरात्रि की रात, जब भक्त करते हैं ध्यान, हर दिल में बसी है, भोलेनाथ की पहचान। (Outro) शिव की भक्ति में, है एक अलग ही जादू, हर मन को भाए, हर दिल को दे सुकून। ओम नमः शिवाय, सदा रहे तेरा नाम, तेरी कृपा से ही, हम सब हैं एकत्रित इस धाम।

Mantras of the 21 Dzambhalas-Digital-AI-singing
Mantras of the 21 Dzambhalas

oṃ dzambhala dzalen drayé siddhi hūng oṃ dzambhala dzalen drayé dhana médhi sarwa siddhi hūng oṃ dzambhala dzalen drayé hūng hrīh siddhi pala hūng hrīh oṃ dzambhala mamā sarwa siddhi hūng oṃ dzambhala yé sōhā oṃ dzambhala dzalen drayé sarwa siddhi pala hūng āh oṃ dzambhala dzalen drayé hūng oṃ dzambhala dzalen drayé dhana sōhā oṃ dzambhala dzalen drayé sōhā oṃ āh hūng buddha benza ratna pema karma dzambhala siddhi pala hūng oṃ dzambhala dzalen drayé sōhā oṃ dzambhala dzalen drayé hrīh dhana médhi hūng sōhā

या मुझे अफसर ए सहाना बनाया होता-Saksham-AI-singing
या मुझे अफसर ए सहाना बनाया होता

या मुझे अफ़सर-ए-शाहाना बनाया होता या मिरा ताज गदायाना बनाया होता अपना दीवाना बनाया मुझे होता तू ने क्यूँ ख़िरद-मंद बनाया न बनाया होता ख़ाकसारी के लिए गरचे बनाया था मुझे काश ख़ाक-ए-दर-ए-जानाना बनाया होता नश्शा-ए-इश्क़ का गर ज़र्फ़ दिया था मुझ को उम्र का तंग न पैमाना बनाया होता दिल-ए-सद-चाक बनाया तो बला से लेकिन ज़ुल्फ़-ए-मुश्कीं का तिरे शाना बनाया होता सूफ़ियों के जो न था लायक़-ए-सोहबत तो मुझे क़ाबिल-ए-जलसा-ए-रिंदाना बनाया होता था जलाना ही अगर दूरी-ए-साक़ी से मुझे तो चराग़-ए-दर-ए-मय-ख़ाना बनाया होता शोला-ए-हुस्न चमन में न दिखाया उस ने वर्ना बुलबुल को भी परवाना बनाया होता रोज़ मामूरा-ए-दुनिया में ख़राबी है 'ज़फ़र' ऐसी बस्ती को तो वीराना बनाया होता

ESA-Louis-AI-singing
ESA

[Intro] ¡Baila, mi gente! Desde El Salvador pa’ todo el mundo, con el ritmo que llevamos, ¡vamos a gozar! [Verso 1] Aquí en El Salvador, la tierra se siente fuerte, con los volcanes que nos cuidan y nos dan suerte. El sol brilla, la gente trabaja sin descanso, y los bolitos no paran, siempre vamos a paso franco. Desde San Salvador hasta la playa de El Tunco, bailamos cumbia, ¡y todos estamos juntos! Las pupusas siempre listas, el marisco nos espera, y la cumbia salvadoreña nunca se altera. Estribillo ¡Ay, qué bonito es El Salvador, con sus volcanes y su gente de amor! Y con Bukele, el cambio está llegando, ¡Ay, qué bonito es El Salvador, su gente, su tierra, su calor! Y con Bukele, el país está avanzando, todos los bolitos pidiendo una cora ¡Ayúdalo maje no seas así! [Verso 2] Y los volcanes nos recuerdan que somos fuertes, como Ilamatepeq que nunca se quita de su suerte. Cada erupción nos da fuerza, nos llena de coraje, y seguimos adelante, ¡el futuro es nuestro viaje! Bukele lo sabe, El Salvador se levanta, con su gente unida, la esperanza nunca falta. Desde el norte hasta el sur, todos juntos vamos, y con los bolitos, con orgullo siempre lo proclamamos. Estribillo ¡Ay, qué bonito es El Salvador, con sus volcanes y su gente de amor! Y con Bukele, el cambio está llegando, ¡Ay, qué bonito es El Salvador, su gente, su tierra, su calor! Y con Bukele, el país está avanzando, todos los bolitos pidiendo una cora. ¡Ayúdalo maje no seas así! [Puente] Cumbia en las venas, el país resplandece, y los bolitos saben que El Salvador crece. Desde el volcán de San Vicente hasta La Libertad, bailamos juntos, ¡y con Bukele hay claridad! Estribillo ¡Ay, qué bonito es El Salvador, con sus volcanes y su gente de amor! Y con Bukele, el cambio está llegando, ¡Ay, qué bonito es El Salvador, su gente, su tierra, su calor! Y con Bukele, el país está avanzando, todos los bolitos pidiendo una cora. ¡Ayúdalo maje no seas así! [Outro] Desde el corazón de El Salvador, ¡Siempre vamos a estar de pie! Los volcanes, el pueblo, todos juntos, ¡cumbia salvadoreña! ¡y que nunca nos detengan! ¡Arriba El Salvador

இயற்கை-Saravana-AI-singing
இயற்கை

இயற்கைந்தவன் கண்ணே....(அன்னம்) கத்திரிப் பூவின் வண்ணம் போலே சித்திர வானம் தன்னில் சத்திரபதி நம் சிவானம் பாடு பின்னல் நான் தனித்திருந்தேன் பக்கத்தில் வந்து நீ கண் மறைத்தாய் பள்ளியற்தில் கூட அன்னையை தெய்வம் ஆகலாம் மனிதன் என்பவன் தெய்வம் ஆகலாம் வாரி வாரி வழங்கும் போது வள்ளல் ஆகலாம் வாழை போல தன்னை தந்து தியாகி ஆகலாம் உருகி ஓடும் மெழுகு போல ஒளியை வீசலாம் மனிதன் என்பவன் தெய்வம் ஆகலாம் வாரி வாரி வழங்கும் போது வள்ளல் ஆகலாம் வாழை போல தன்னை தந்து தியாகி ஆகலாம் உருகி ஓடும் மெழுகு போல ஒளியை வீசலாம் மனிதன் என்பவன்

Glory to Allah-Shaiera-AI-singing
Glory to Allah

(Verse 1) As-salamu alaykum, peace be upon you From the depths of my heart, a melody anew For the One True God, Allah, the Most High His name I exalt, with tears in my eye (Chorus) Ya Allah, Ya Rahman, Ya Rahim Your mercy surrounds us, like a gentle, warm hymn From the cradle to the grave, Your guidance we seek In every breath we take, Your praise we speak (Verse 2) The Quran, Your words, a light in the night Guiding our steps, with truth and with might The Prophet Muhammad, Your final decree A beacon of hope, for all eternity (Chorus) Ya Allah, Ya Rahman, Ya Rahim Your mercy surrounds us, like a gentle, warm hymn From the cradle to the grave, Your guidance we seek In every breath we take, Your praise we speak (Bridge) From the mountains to the seas, Your creation we see A symphony of wonder, a testament to Your decree In every sunrise, every star, Your power we find A love that's eternal, for all mankind (Chorus) Ya Allah, Ya Rahman, Ya Rahim Your mercy surrounds us, like a gentle, warm hymn From the cradle to the grave, Your guidance we seek In every breath we take, Your praise we speak (Outro) Subhana Allah, glory be to You In every beat of our hearts, Your love shines through Ya Allah, Ya Rahman, Ya Rahim Our hearts are filled with Your love, forever we'll sing.